लखनऊ – योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ, वाराणसी मेरठ, मुरादाबाद और गोरखपुर की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने जा रही है. आगरा की तर्ज पर इन शहरों की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से फ्रैंचाइज़ी को सौंपने के प्रस्ताव पर शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. फैसले के बाद पॉवर कारपोरेशन फ्रैंचाइज़ी के चयन की प्रक्रिया शुरू करेगा. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद इन शहरों में बिजली कनेक्शन देने से लेकर राजस्व वसूली तक का सारा काम बतौर फ्रैंचाइज़ी निजी कंपनी करेगी.
कैबिनेट फैसले के अनुसार बिजली सेक्टर को वित्तीय रूप से स्वावलंबी बनाने, लाइन हानियों में कमी लाने, आपूर्ति और उपभोक्ता को मिलने वाली सुविधाओं के लिए यह व्यवस्था की जा रही है. सरकार का कहना है कि आगरा में फ्रैंचाइज़ी ने करीब 800 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वहां लाइन हानियों में तेजी से कमी आई है. इतना ही नहीं उपभोक्ता की संतुष्टि का मानक भी तेजी से बढ़ा है.
अधिकारीयों-कर्मचारीयों को प्रतिनियुक्ति पर काम करने का विकल्प जिन शहरों में फ्रैंचाइज़ी व्यवस्था लागू होगी वहां के अधिकारीयों और कर्मचारियों को फ्रैंचाइज़ी की सहमती से प्रतिनियुक्ति पर काम करने का विकल्प मौजूद होगा. प्रतिनियुक्ति का विकल्प चुनने वालों के वेतन-भत्ते किसी भी दशा में कम नहीं किए जा सकेंगे. जो फ्रैंचाइज़ी के साथ काम नहीं करना चाहते उन्हें मौजूदा सेवा शर्त पर प्रदेश के अन्य विद्युत् खण्डों में तैनात किया जाएगा. टोरेंट के हाथों में है आगरा की बिजली व्यवस्था 2009 तत्कालीन बसपा सरकार के दौरान आगरा की विजली व्यवस्था टोरेंट पॉवर को सौंपी गई थी. हालांकि बिजली विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के खिलाफ आंदोलन की वजह से हस्तांतरण में एक साल की देरी हुई. 2010 में टोरेंट पॉवर ने आगरा की बिजली व्यवस्था अपने हाथों में ले ली.
-लखनऊ से अनुज मौर्य की रिपोर्ट