लखनऊ- बेसिक शिक्षा विभाग में हुई अध्यापकों की भर्ती में लापरवाही बरती गयी या जानबूझकर ऐसा किया गया है इसका पता तो निष्पक्ष जांच के बाद ही होगा फिलहाल यदि न्यायालय इसका संज्ञान लेता है तो जहाँ उन लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जायेगी जिन्हें इस लापरवाही की वजह से नौकरी नहीं मिल पाई वहीं उनके चेहरे भी मुरझा जायेंगे जिन्हे पात्र न होते हुए भी नौकरी मिल गयी।
जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल यह रिजल्ट कुछ और ही इशारा कर रहा है जो योगी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर रहा है।सोशल मीडिया पर वायरल यह रिजल्ट एक ओवीसी की महिला अभ्यर्थी प्रज्ञा यादव पुत्री ओम प्रकाश यादव का है ।इस अभ्यर्थी के तीन रिजल्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें है ।जिनमें एक मे रजिस्ट्रेशन न0 4900014924 व रोल न0 49491205282 है जिसे एक रिजल्ट में 85 न0 मिलें है वहीं इसी रजिस्ट्रेशन न0 व रोल न0 पर दूसरे रिजल्ट में 148 न0 मिलें है।इतना ही नही इसी अभ्यर्थी को तीसरे रिजल्ट में 82 न0 मिले है पर इसका रजिस्ट्रेशन न0 5200007162 व रोल न0 52521106098 है लेकिन तीनो परिणामों में इस महिला अभ्यर्थी की जन्मतिथि एक ही है 1 जुलाई 1995 है।
अब ऐसे में यह कह पाना कि नियुक्तियों में पारदर्शिता बरती गयी है मुश्किल है वही सोशल मीडिया पर सवर्ण समाज इसे जानबूझकर किया गया कृत्य बता रहा है।फिलहाल सच्चाई तो तभी सामने आयेगी जव इसकी न्यायिक जांच हो तभी सब साफ हो पायेगा।