प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्तियों में अब ओवरलैपिंग खत्म हो गई है। यानी किसी भी भर्ती में अनारक्षित सीटों पर उस आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन नहीं हो सकेगा, जिसने भर्ती के किसी भी चरण में आरक्षण या फिर अन्य किसी छूट का लाभ लिया है।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा देने के बाद आरक्षित वर्ग का वह अभ्यर्थी जिसने भर्ती में आरक्षण या फिर अन्य छूट न लेकर यदि सामान्य वर्ग का न्यूनतम कटऑफ अंक हासिल कर लिया है तो उसका अनारक्षित सीट पर चयन होगा। यूपीपीएससी में आरक्षण व्यवस्था नियमानुसार लागू है, केवल सीटों पर अभ्यर्थियों के चयन में ओवरलैप करने की व्यवस्था बदल गई है।
उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों में अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उसमें कहा गया था कि आयोग भर्ती के पहले चरण से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ देता है और फिर उसे दूसरे व तीसरे चरण में भी आरक्षण का लाभ मिलता है। अंत में यदि वह उम्दा अंक हासिल करके अनारक्षित वर्ग का न्यूनतम कटऑफ अंक हासिल कर लेता है तो उसका चयन अनारक्षित वर्ग की सीट पर हो जाता है, जबकि आरक्षण का लाभ अंतिम चरण में ही दिया जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने इस पर आयोग से जवाब-तलब किया, तब आयोग ने 18 दिसंबर को असाधारण बैठक बुलाकर ओवरलैपिंग खत्म करने का प्रस्ताव पास किया और उसी दिन से यह व्यवस्था लागू हो गई है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से दाखिल याचिका में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ देने को यह कहते हुए चुनौती दी गई है कि 1994 की यूपी आरक्षण नियमावली में अंतिम चयन में ही आरक्षण का लाभ देने की व्यवस्था बनाई गई है इसलिए अंतिम चयन में ही आरक्षण का लाभ दिया जाए। प्री और मेंस में आरक्षण का लाभ न दिया जाए। आयोग की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में इस निर्णय की प्रति लगाई गई है। इस याचिका पर चार मार्च को सुनवाई संभावित है।
क्या है आयोग का निर्णय:- किसी भी परीक्षा में जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार तथा स्क्रीनिंग परीक्षा सम्मिलित है, में आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी एवं ईडबल्यूएस) के अभ्यर्थियों द्वारा यदि किसी स्तर पर चयन प्रक्रिया में खुली प्रतियोगिता के आधार पर किसी अर्हकारी मानक में शिथिलीकरण/छूट का लाभ न लिया हो तो उन्हें ही अंतिम रूप से अनारक्षित श्रेणी में समायोजित किया जाए, यदि वे अंतिम चयन में अनारक्षित श्रेणी के न्यूनतम कटऑफ अंक से अधिक अंक प्राप्त करते हैं। अन्यथा वे अंतिम चयन तक अपनी संबंधित श्रेणी में ही रहेंगे।
क्या है ओवरलैपिंग:- जब कोई आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी किसी भर्ती में आरक्षण का लाभ पाते हुए अनारक्षित सीटों के सापेक्ष न्यूनतम कटऑफ अंक हासिल करके अनारक्षित वर्ग की सीटों पर चयनित हो जाता है तो उसे ही ओवरलैपिंग कहा जाता है।
पहले ऐसे होता रहा चयन:- यूपीपीएससी की किसी भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ मिलता था। मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार में भी उसे आरक्षित वर्ग का लाभ मिलता रहा। बाद में मेंस व इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर बनने वाला कटऑफ यदि अनारक्षित वर्ग के बराबर या अधिक होता था तो उसका चयन अनारक्षित वर्ग की सीट के लिए किया जाता था।
अब ऐसे होगा चयन:- यदि कोई आरक्षित वर्ग अभ्यर्थी प्रारंभिक से लेकर साक्षात्कार तक बिना आरक्षण या अन्य लाभ के अनारक्षित सीट के लिए तय कटऑफ अंक के बराबर या फिर अधिक अंक पाता है तो वह अनारक्षित वर्ग में चयन का हकदार होगा, लेकिन यदि उसे किसी भी चरण में आरक्षण का लाभ मिला और बाद में उसके अंक अनारक्षित वर्ग के कटऑफ के बराबर या फिर अधिक हैं तो भी उसे अपने ही आरक्षित वर्ग की सीट दी जाएगी।
हाई कोर्ट के निर्देश का पालन:-सचिव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, जगदीश ने बताया कि यूपीपीएससी में हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रस्ताव पास होते ही यह व्यवस्था लागू हो गई है, किसी भर्ती में ओवरलैपिंग नहीं होगी। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि यह निर्णय भर्तियों में आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका पर हुए हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस व्यवस्था में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ तो मिलेगा। अब अंतिम चयन में ओवरलैपिंग नहीं होगी। इसके तहत किसी भी परीक्षा में, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार व स्क्रीनिंग परीक्षा शामिल है, आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों द्वारा यदि किसी स्तर पर चयन प्रक्रिया में खुली प्रतियोगिता के आधार पर किसी अर्हकारी मानक में शिथिलीकरण/छूट का लाभ न लिया गया हो तो उन्हें ही अंतिम रूप से अनारक्षित श्रेणी में समायोजित किया जाए। यदि अंतिम चयन में अनारक्षित श्रेणी के न्यूनतम कटऑफ अंक से अधिक प्राप्त करते हैं अन्यथा वे अंतिम चयन तक अपनी संबंधित श्रेणी में ही रहेंगे।