लखनऊ -योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों से निपटने के लिए एंटी करप्सन पोर्टल की शुरुआत की है। जिसके तहत आम जनता अब इस पोर्टल का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचारियों को सबक सिखा सकती है और सरकार पोर्टल पर आने बाली शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्यवाही करेगी ऐसी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ दी है। एंटी करप्शन पोर्टल इसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है और इसके जरिए आम लोग भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों के खिलाफ सीधी शिकायत कर सकेंगे। श्री त्रिपाठी ने कहा कि पोर्टल लांच होने के 24 घंटे के भीतर ही आम लोगों के जरिए हासिल हुई एक वीडियो क्लिप के आधार पर गाजीपुर जिले के मरदह थाने के इंसपेक्टर अरूण कुमार को निलंबित कर दिया गया है। वीडियो क्लिप के आधार पर ये देखने में आया था कि इंसपेक्टर अरूण कुमार थाने में शिकायत लेकर आने वाले पीड़ितों से अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे थे। वीडियो मिलते ही इसे सम्बधित अधिकारियों को भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए और कुछ ही देर में इस्पेक्टर को निलम्बित कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने आह्वान किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पोर्टल का सकारात्मक इस्तेमाल करें और स्टिंग आपरेशन कर भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में सरकार की मदद करें। इसके लिए भ्रष्ट और नकारा अधिकारियों के खिलाफ किसी भी तरह का आडियो-वीडियो बनाकर पोर्टल पर शिकायत की जा सकती है। खास बात ये है कि शिकायत करने वालों की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। श्री त्रिपाठी ने कहा कि इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जी ने यह भी ऐलान कर दिया है कि किसान अपने खेत की मिट्टी का जहां चाहें जितना चाहे उपयोग कर सकते हैं। गांवों के किसान अपने खेत की मिट्टी का अपने उपयोग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल पिछले कुछ दिनों में समीक्षा की गई तो ये सामने आया कि कुछ जगहों पर पुलिसकर्मी मिट्टी ले जाने वाले किसान भाइयों और ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। कुछ जगहों पर अवैध वसूली के प्रयास की भी जानकारी मिली जहां वक्त रहते फौरन कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री जी के हालिया आदेश के बाद स्पष्ट है कि पूरे प्रदेश में अगर कहीं भी कोई पुलिसकर्मी मिट्टी ले जा रहे लोगों को परेशान करेंगे तो उनके उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। साथ ही कहीं भी अगर अवैध वसूली की शिकायत आई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि बीते सिर्फ एक साल में 192 भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त किया जा चुका है जबकि 415 अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। इनमें से दर्जनों अफसर जेल भेजे जा चुके हैं। सरकार भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी। जहां भी इस तरह की शिकायत आएगी वहां जवाबदेह अफसरों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-अनुज मौर्य की रिपोर्ट लखनऊ