कुशीनगर -राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा “बा”महान महिला के सम्मान में” कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय” संचालित की गई।पर आज यही कस्तूरबा बदनाम हो गई।कही शिक्षा के गिरते स्तर की वजह से तो कही भवन जर्जर होने की वजह से पर अब यह विद्यालय में जबरदस्ती अनैतिक कार्यो की वजह से शिक्षा की उस विश्वसनीयता पर सवाल खड़ी कर दिया। जहां शायद आप लोग भी यह खबर सुन अपने दांतों तले उंगली दबा लेंगे ।कुशीनगर के सुकरौली ब्लाक में एक शिक्षिका के जुल्म की सारी हदें पार करती एक घटना सामने आई है। जो भारत सरकार के “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ “को झूठा साबित करती है…
क्या है यह पूरी घटना पढे ! कुशीनगर से अनूप यादव की खास रिपोर्ट में –
यह घटना किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि दिल दहला देने वाला उस कड़वे सच की वह कहानी है। जो सीधे- सीधे पूरी व्यवस्था पर करारा तमाचा है। जो बच्चियों को शिक्षित करने के लिए राष्ट्रपिता की पत्नी कस्तूरबा बा के नाम पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय 2004 में शुरू की गई योजना के उस सम्मान को ठेस पहुचाती है जहां “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” के नारे को ठेंगा दिखाती है।यह योजना उन गरीब परिवारों की बच्चियों के भविष्य को देखते हुए शुरू की गई थी।जिसके तहत भोजन, आवास तक की सुविधा दी जाती है।इसके पीछे सरकार की सोच यह साबित करती है कि हर गरीब परिवारों की बच्चियां भी अब पढ़ लिख के अपना भविष्य संवारेगी।बेहतर कल का सपना संजोयेगी।जो देश व समाज का नाम रोशन करने के साथ बेहतर कल की शुरुवात करेगी।
परंतु कुशीनगर के सुकरौली में स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों की दुर्दशा रोंगटे खड़े करने वाली है। यहां की बच्चियां पढने की बजाय टेंशन में जी रही है।उन पर गलत व अनैतिक काम के लिए दबाव बनाया जाता है। कस्तुरबा गांधी विद्यालय के आवास में रह रही सुकरौली गांव की एक अनाथ बच्ची के साथ हुई घटना ने पूरी व्यवस्था को नंगा कर दिया है।इस बच्ची पर गलत व अनैतिक काम के लिये शिक्षिका द्वारा नाजायज दबाव बनाया जा रहा था लेकिन इस बहादुर बच्ची ने शिक्षिका की बात मानने से साफ इंकार कर दिया।इससे नाराज शिक्षिका ने खुन्नस में बच्ची को खोजकर कमरे में बंद कर बच्ची की निर्मम पिटाई कर दी।साथ ही पूरे दिन भूखा रखने के बाद स्कूल से खदेड़ दिया।काफी दवा कराने के बाद बच्ची ठीक हुई।इस बच्ची के साथ घटी अमानवीय घटना की पुष्टि विद्यालय की रसोईया से लेकर वार्डन तक कर रहीं है। शिक्षिका द्वारा बच्चियों पर गलत काम के लिए दबाव बनाने की बात को विद्यालय की वार्डन शालिनी सिंह ने भी माना जिसे कैमरे ने कैद कर लिया जो उस व्यवस्था के उन कार्यो को उजागर करती है।जहां शिक्षा के स्थान को मंदिर कहा जाता है।जहां एक नही बल्कि अब तक शिक्षिका के द्वारा 4-5 बच्चियों की पिटाई कर चुकी है। अध्यापिका द्वारा गलत काम करने के लिए बच्चियों पर दबाव बनाया जाता है ।अगर कोई बच्ची गलत काम के लिए तैयार नहीं होती उन बच्चियों को कमरे में बंद कर बुरी तरह पिटाई की जाती है यहां तक कि उन्हें भूखा भी रखा जाता है।वार्डन भी इस बात को स्वीकार करती हैं ।बच्चियां ही नहीं इस शिक्षिका की हरकतों व दबंगई से पूरा विद्यालय परिवार परेशान है। शिकायत के बावजूद शिक्षिका की ऊंची पहुंच के कारण अधिकारी भी मौन है।विद्यालय की वार्डन के मुताबिक शिक्षिका की हरकतों के बारे उच्च अधिकारियों को लिखित बताया जा चुका है लेकिन अधिकारी कोई कार्रवाही नहीं कर रहे हैं।जिस विद्यालय में शिक्षा देनी चाहिए वहाँ बच्चियों को अनैतिक कार्यो का दबाव दिया जा रहा है।अनाथ बच्ची के साथ हुई यह घटना ने हैरान तो किया है साथ ही बच्ची के उस जमीर की बात का सम्मान भी करती है जो बच्ची ने सुनी और गलत काम करने के लिए शिक्षिका की बात मानने से इंकार भी किया पर
राजनैतिक रसूख रखने वाली इस अध्यापिका ने केन्र्द सरकार की उस “सर्वशिक्षा अभियान”की पोल भी खोल के रख दी है। जिले के जिला अधिकारी आन्द्रा वामसी मीडिया के माध्यम से मिले पूरे प्रकरण की बात को मानते हुए जाच करने की बात तो कहते है पर बड़ा सवाल खड़ा यह होता है कि क्या प्रशासन इस अध्यापिका से जेलर बन चुकी इस महिला पर क्या कार्रवाई करती है।क्या प्रशासन अब भी मौन रहेगा या क्या राजनैतिक दवाव में कोई कार्रवाही नही होगी।
आंद्रा वामसी(जिला अधिकारी,कुशीनगर)
फोनो के नम्बर-9453004153,हेमंत राव-बेसिक शिक्षा अधिकारी ,कुशीनगर
जिला अधिकारी -9454417545,आंद्रा वामसी,कुशीनगर