आस्था या अंधविश्वास: माँ काली को खुश करने के लिए युवक ने खुद की काट दी गर्दन

हरदोई- उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जो देखने को मिला उसे आस्था कहें या अंधविश्वास। एक शिक्षित युवक नें काली मंदिर में अपनी गर्दन किसी धारदार हथियार से काट ली जिससे वह वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा और उसकी गर्दन से खून की धार निकलनी शुरू हो गयी। मन्दिर में मौजूद अन्य भक्त इसको देख घबड़ा गए और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने एम्बुलेंस से युवक को जिला अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने उसकी गर्दन में कई टांके लगाए। औऱ लखनऊ रिफर कर दिया है। फिलहाल युवक की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार कोतवाली देहात के चांद बेहटा निवासी संदीप वर्मा एमए फाइनल इयर का छात्र है। आज सुबह करीब दस बजे वो पास ही के काली मंदिर पहुंचा और किसी धारदार हथियार से अपने गर्दन पर वार कर लिया। जिससे उसकी गर्दन पर गहरा घाव हो गया।और गर्दन से खून की तेज धार बहने लगी जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ा। यह सब देख मन्दिर में आये अन्य भक्त डर गए और तुरन्त पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने एम्बुलेंस के जरिये युवक को जिला अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने उसकी कटी गर्दन में कई टांके लगाकर उसको सिला लेकिन हालत गम्भीर देख उसे लखनऊ के लिए रेफर कर दिया है।

घायल युवक सन्दीप वर्मा नें बताया कि वह माँ काली का उपासक है। और उनको खुश करने के लिए अपनी गर्दन काटी है। फिलहाल पुलिस ने युवक के घर वालों को सूचित कर दिया है।और जांच में जुट गई है।

–जीभ भी काट चुके हैं।कई भक्त

काली मंदिर में इससे पूर्व कई लोग अपनी जीभ काट चुके हैं। बताया जा रहा है कि लोगों में यह विश्वास है कि वो यदि अपना खून देवी माँ को समर्पित करेंगे तो देवी माँ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी।

शिक्षित युवक द्वारा गर्दन काटने से लोग हैरान:-

बिना पढ़े लिखे लोगों में अंध विश्वास अधिक पाया जाता है।पर शिक्षित लोग अंधविश्वास से दूर रहते हैं लेकिन आज जिस युवक ने गर्दन काटी वह एमए फाइनल इयर का स्टूडेंट बताया जा रहा है और उसके द्वारा ऐसा करना लोगों को अचंभित कर रहा है।अब लोगों को यह नहीं समझ आ रहा कि इसे आस्था कहें या अंधविश्वास

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