लखनऊ – अब मात्रा के हिसाब से प्रतिबंधित पॉलीथिन, प्लास्टिक व थर्मोकोल पकडे जाने पर जुर्माना देना पड़ेगा। इसके लिए योगी सरकार ने एक दर्जन विभागों के अफसरों को कार्यवाही करने का अधिकार दे दिया है। अध्यादेश जारी होने के बाद से ही नगर विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
प्रमुख सचिव नगर विकास ने जारी अधिसूचना में प्लास्टिक, पॉलीथिन व थर्मोकोल को चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधित किया गया है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की घोषणा के अनुसार नगर विकास विभाग ने 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक के प्लास्टिक कैरीबैग प्रतिबंधित कर दिए हैं। पर ध्यान रहे 50 माइक्रोन से ऊपर के कैरिबैग भी अगर है और उसमें विनिर्माता का नाम और पंजीकरण संख्या न छपी हो, तब भी वो प्रतिबंधित की श्रेणी में आयेगा।
*दूसरा चरण*
इसके दूसरे चरण में 15 अगस्त से प्लास्टिक व थर्मोकोल के कप, प्लेट, ग्लास, चम्मच वगैरह वगैरह के निर्माण, विक्रय, भंडारण व परिवहन में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
*तीसरा चरण*
तीसरे चरण में दो अक्टूबर से सभी प्रकार के निस्तारण योग्य प्लास्टिक कैरीबैग भी प्रतिबंधित किए गए हैं, यानी दो अक्टूबर से सभी प्रकार के कैरीबैग प्रतिबंधित हो जाएंगे, यानी पुणं प्रतिबंध।
*मात्रा के हिसाब से प्रतिबंधित वस्तु पर जुर्माना*
– 100 ग्राम तक-1,000
– 101 ग्राम से 500 ग्राम तक-2,000
– 501 ग्राम से एक किलोग्राम तक-5,000
– एक किलोग्राम से पांच किलोग्राम तक-10,000
– पांच किलोग्राम से अधिक-25,000
अब पार्कों व सार्वजनिक स्थानों पर पॉलीथिन फेंकने पर देना होगा जुर्माना:-
उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्थाओं, दुकानों, होटलों, स्कूलों, कार्यालयों आदि द्वारा नालों, पार्कों, सड़कों, नदियों, तालाबों, झीले व वन क्षेत्रों में पॉलीथिन व प्लास्टिक कचरा फेंकने पर भी जुर्माने का प्राविधान बनाया है अब देना होगा 25 हजार रुपयों का जुर्माना,
वही सार्वजनिक स्थानों, नालों, झीलों, नदियों व वन क्षेत्रों आदि में पॉलीथिन, प्लास्टिक एवं थर्मोकोल फेंकता है तो उसके लिए एक हजार रुपये जुर्माने की राशि रखा गया है।
सावधान, एक दो नही कई को कार्रवाई का अधिकार:-
1- डीएम, एडीएम, एसडीएम,
2- नगरीय निकायों के नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी, सफाई निरीक्षक,
3- यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, पर्यावरण अभियंता, वैज्ञानिक अधिकारी, सहायक पर्यावरण अभियंता, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी, अवर अभियंता व वैज्ञानिक सहायक,
4- निदेशक पर्यावरण, उप निदेशक पर्यावरण, सहायक निदेशक पर्यावरण,
5- मुख्य चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारी,
6- उप व सहायक माल एवं सेवाकर अधिकारी,
7- प्रभागीय वन अधिकारी, उप प्रभागीय अधिकारी व क्षेत्रीय अधिकारी,
8- तहसीलदार व नायब तहसीलदार,
9- पर्यटन अधिकारी व सहायक पर्यटन अधिकारी,
10- जिला पूर्ति अधिकारी और खाद्य निरीक्षक,
11- खाद्य एवं सुरक्षा निरीक्षक,
12- औद्योगिक विकास, प्राधिकरणों के सहायक प्रबंधक, अवर अभियंता व इससे ऊपर के अधिकारी ।