उत्तर-प्रदेश/लखनऊ – उत्तर प्रदेश में 3 जुलाई से शुरू हुई लेखपालों की हड़ताल अब तक जारी है। सरकार लगातार लेखपालों पर दबाव बना रही है लेकिन लेखपाल है कि दबने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में अब तक 900 से ज्यादा लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है और 6000 से अधिक को निलंबन की नोटिस थमाई जा चुकी है। लेकिन लेखपाल लगातार अपनी मांगों पर अड़े हुए है और सरकार है कि मानने को तैयार नहीं है।
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के 36000 लेखपाल हड़ताल पर है और तहसीलों में काम रुका हुआ है जनता परेशान है।लेखपाल अपनी आठ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है पर प्रदेश की सरकार है झुकने का नाम नहीं ले रही।दरअसल अगर पिछले कुछ महीनों के सरकार विरोधी आंदोलन या प्रदर्शन पर नजर डाले तो योगी सरकार का रवैया हमेशा दमनकारी ही रहा है। इस आंदोलन में भी सरकार का रवैया सख्त ही है।अब तक प्रदेश के अलग अलग जनपदों में लगभग 900 से लेखपालों को निलबिंत किया जा चुका है और 6000 से अधिक लेखपालो को निलंबन की नोटिस थमाई जा चुकी है।वहीं लेखपाल संघ भी अब सरकार के आगे झुकने को तैयार नही हैं
यहां हुए है लेखपाल सस्पेंड और बर्खास्त:-
-बरेली : 23 लेखपाल सस्पेंड, 157 की बर्खास्तगी
-फैजाबाद : धरना दे रहे जिले के 10 लेखपाल निलंबित, पाँचों तहसील के दो-दो लेखपाल निलंबित
-बहराइच: 314 लेखपालों को नोटिस जारी, 99 लेखपालों को बर्खास्त करने की नोटिस
रायबरेली : धरने पर बैठे 9 लेखपाल सस्पेंड, 189 नये लेखपालों को सेवा समाप्ति की नोटिस
अलीगढ :लेखपाल संघ के 25 पदाधिकारी निलंबित, और 94 अस्थाई लेखपाल बर्खास्त
शाहजहांपुर : 24 लेखपाल निलंबित, लेखपाल जिला अध्यक्ष तहसील अध्यक्षों सहित 19 के खिलाफ दर्ज की गई FIR ।
501 लेखपालों को ब्रेकिंग सर्विस का दिया गया नोटिस
लेखपालों की यह है मांगें:-
-वेतन उच्चीकरण
-वेतन विसंगति
-पदोन्नति के अवसर
-लैपटॉप तथा स्मार्टफोन उपलब्ध कराना
-भत्तों में वृद्धि
-राजस्व निरीक्षक नियमावली पारित करने,
-पेंशन विसंगति दूर करने
-आधारभूत सुविधाओं व संसाधन उपलब्ध कराने