1. श्वास लेने और छोड़ने की लगातार प्रक्रिया के चलते फेफड़े लगातार काम करते रहते हैं और रक्त ऑक्सीजन युक्त रहता है। शरीर को डी-टॉक्स करने के लिए यह एक बेहतरीन प्रक्रिया है। यही नहीं, ज़्यादा कार्बनडाईऑक्साइड और विषैली गैसों से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है।
2. अगर सूर्य नमस्कार तेज गति से किया जाए, तो यह एक अच्छा ह्रद्य संबंधी वर्कआउट है, जो कि पेट की मांसपेशियों को खींचता है। साथ ही, पेट के आस-पास के फैट को कम करने में भी मदद करता है। आसन करने से हाथ और मांसपेशियों तो निखरते ही हैं, साथ ही रीढ़ की हड्डी में भी लचीलापन आता है। इसके अलावा, मांसपेशियों के साथ यह हड्डियों को भी मज़बूत बनाता है।
3. अगर आप मासिक धर्म की अनियमितता से परेशान हैं, तो यह आसन आपको इस परेशानी से निकालने में मदद करेगा और अगर इन्हें रोज़ किया जाए, तो यह आसान प्रसव (चाइल्ड बर्थ) में भी सहायक रहते हैं।
4. अगर सूर्य नमस्कार को रूटीन में शामिल कर लिया जाए, तो यह बढ़ती उम्र में भी आपकी ऊर्जा को बरकार रखने में मदद करता है। इससे शरीर में रक्त प्रवाह सुचारु रूप से चलता रहता है, जिससे चेहरे की खोई चमक वापस आती है, झाइयों की शुरुआत रोकने और आपकी त्वचा को चमकीला बनाने में भी यह कारगार सिद्ध होता है। यही नहीं, यह बालों का गिरना और बालों का सफेद होना जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।
5. सूर्यनमस्कार आपकी याददाश और तंत्रिका-तंत्र को सही रखता है। यही नहीं, यह थायराइड ग्रंथि को भी ठीक रखता है।
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