विश्व पर्यटन दिवस:आइए अपनी विरासत और धरोहरों को कुछ संवार-सहेज लें

आज हर व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से घिरा हुआ है, पैसे और चकाचौंध के बीच ऐसा लगता है मानो खुशी तो कहीं गुम हो गई है। बावजूद इन सबके हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समय ऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो अपनी विरासताें और धरोहराें को सहेज लें और खुशियों को फिर से गले लगा सके। आज 27 सितंबर है, यानी विश्व पर्यटन दिवस | आज हम संकल्प लें कि अपने पर्यटन स्थलों को कैसे सुंदर बनाए रख सकते हैं | भारत में भी पर्यटन का गौरवशाली इतिहास रहा है | प्राकृतिक विविधता एवं रंगी संस्कृत यहां के पर्यटन स्थल दुनिया भर में एक अलग पहचान देते हैं | ऐतिहासिक किले और महल स्थापित कला के महत्वपूर्ण केंद्र है | लोक संगीत, लोक नृत्य, मेले और वैभवशाली धरोहर पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही आकर्षित कर लेते हैं | पर्यटन सिर्फ हमारे जीवन में खुशियों के पल को वापस लाने में ही मदद नहीं करता है बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में जहां हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है वहीं आज पर्यटन के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती है। भारत जैसे देशों के लिए पर्यटन का खास महत्व होता है। देश की पुरातात्विक विरासत या संस्कृति केवल दार्शनिक स्थल के लिए नहीं होती है इसे राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत माना जाता है और साथ ही पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी होती है। नदियों, झीलों,जल प्रपातों के किनारे दुनियाभर में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है |

सरकारें पर्यटन को लेकर बातें ताे बड़ी-बड़ी करती है लेकिन अमल में नहीं लाती—-

दुनिया हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस बनाती है | हमारे देश में भी पर्यटन स्थलों को लेकर बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं | केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो हर साल 27 सितंबर को अपनी विरासतों और धरोहरों को संवारने-सहेजने में जरूरत से ज्यादा ही गंभीर नजर आते हैं | शासन हाे या प्रशासन देश के पर्यटन स्थलों के रखरखाव के बारे में बातें तो बड़ी बड़ी करते हैं लेकिन वास्तविक अमल में लाया नहीं जाता | आज विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर देशभर में कई आयोजन हो रहे हैं | इन आयोजनों में नेता, मंत्री अपने देश की धरोहरों को लेकर लंबे-चौड़े भाषण और योजना बनाते दिखेंगे, लेकिन यह सब आज के लिए होगा, उसके बाद सारी योजनाएं फाइलों तक ही सीमित रह जाती है | आइए हम लोग ही अपने देश के पर्यटन स्थलों के बारे में सोचें और इनके रखरखाव के लिए गंभीर रहें |

– शंभूनाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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