फेंके गए पत्थरों से पुल बना लेते हैं मोदी

राजस्थान /अजमेर- मानना पड़ेगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में उन पर फेंके गए पत्थरों से पुल बनाकर कामयाबी की मंजिल तक पहुंचने का रानीतिक हुनर है। वर्ष 2002 में उन्हें सोनिया गांधी ने मौत का सौदागर कहा था, तो उसके बाद मोदी ने इसे मुद्दा बनाकर लगातार 12 साल तक गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में एकछत्र राज किया। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें मणिशंकर अय्यर ने चाय वाला कहा। तो मोदी ने खुद को आर्थिक रूप से पिछड़े और गरीब के रूप में पेश कर इसे देश का मुद्दा बना दिया और देश की सत्ता पर कब्जा किया । फिर गुजरात के पिछले चुनाव में मणिशंकर अय्यर ने ही उन्हें फिर नीच कहा , तो उन्होंने नीच को मुद्दा बनाकर कांग्रेस की लगभग जीती हुई बाजी को पलट दी। और अब जब राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है,का नारा दिया,तो मोदी ने इसे ही मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उछाल दिया है । मोदी ने यह कहकर कि देश में जो भी ईमानदार है वह चौकीदार है। कांग्रेस की तरफ सवालिया निशान उछाल दिया। सवाल ये है कि पिछली यूपीए सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और अभी खुद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा पर लग रहे आरोपों से क्या मोदी को इस मुहिम का लाभ मिलेगा? इसके साथ ही मोदी ने एक बार फिर चुनाव में खुद को केंद्रीय भूमिका में ला दिया है। – ओम माथुर

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