हमारे यहाँ दान को बहुत बड़ा महत्व दिया गया है। अपनी आमदनी का एक अंश दान के रूप में खर्च करना अनिवार्य माना है। हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों ने दान का धर्म के साथ अटूट सम्बन्ध जोड़कर उसे आवश्यक धर्म-कर्तव्य घोषित किया था। दान की बड़ी-बड़ी आदर्श गाथाएं हमारे साहित्य में भरी पड़ी हैं और आज भी हम किसी न किसी रूप में दान की परम्परा को निभा रहे हैं। गरीब से लेकर अमीर, सभी अपनी-अपनी स्थिति के अनुसार कुछ-न कुछ दान करते ही हैं।
आज पूरा देश कोरोना की घातक बीमारी से जूझ रहा है ऐसे कठिन समय में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील करके कहा कि कोविद-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) की स्थापना की जा रही है और लोग उसमें दान करें।इसके लिए उन्होंने खाता खोलकर लोगों से स्वेच्छा से धन राशि देने की अपील भी की है। और उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में जरुरतमंद लोगों की भी मदद करें।
पीएम के फैसले का स्वागत करते हुए देश के लोगों ने पूरा सहयोग देने का वादा किया क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम की व्यवस्था करने में काफी धनराशि खर्च हो रहीं है। प्रधानमंत्री जी की एक अपील पर पूरे देश की सामाजिक संस्थाएं व सामाजिक कार्यकर्ता अलग-अलग हिस्सों में जरुरतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
लॉकडाउन की स्थिति में कमजोर, बेघर सड़क किनारे रह रहे लोगों गरीब मजदूर रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालकों के समक्ष खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो रहीं है। ऐसे में मानवता दिखाते हुऐ गरीब और जरुरतमंद को दैनिक जीवन की वस्तुओं के साथ उन्हें जरुरत की वस्तुएं उनतक पहुंचाई जा रही है।ताकि लॉकडाउन की स्थिति में खाने के अभाव में कोई भी भूखा नहीं रह पाए. वहीं जरुरमंद लोगों को सेनेटाइजर, मास्क, दवाईयां भी उनकी सुरक्षा के लिए वितरित की जा रही है।देश की सेवा में (पीएम केयर्स फण्ड) में हर बर्ग ने दिल खोलकर दान किया है एक सौ रुपये से लेकर करोड़ो रूपये दान किये जा रहे है। वहीं बच्चों ने अपनी खर्च से बचाकर गुलक में जमा किये रुपये निकाल कर दान किये गरीब मजदूरों ने दिहाड़ी कर एकत्र किये रुपये दान किये है।
लोग अपने अपने तरीके से दान कर रहे है।कोई खून दान कर रहा है।नगद धनराशि भोजन के पैकिट टिफिन जरूरत के सामान किट बना कर गरीबों में वितरण कर रहे।
मनुष्य के जीवन में दान का बड़ा महत्व।
जानकारों की मानें तो वेदों में भी लिखा है कि सैकड़ों हाथों से कमाना चाहिए और हजार हाथों वाला होकर दान करना चाहिए।
इंसान को दान करने में आनंद मिलता है, उसे ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है क्योंकि देना इंसान को श्रेष्ठ और सत्कर्मी बनाता है. अगर आप भी अपने भीतर की सच्ची खुशी को महसूस करना चाहते हैं तो जरूरतमंदों को दान करिए. इससे आपको अद्भुत आत्मसुख मिलेगा.
लेकिन आज कल लोग दान के साथ साथ दिखावा ज्यादा करते है।एक व्यक्ति को पैकिट देगे कई लोग उसे पकड़ कर फ़ोटो खिचवाएँगे।जब कि दान पुण्य करना हो तो उसे गुप्त तरीको से करना चाहिए।
अपने सामर्थ्य अनुसार सब को दान करना चाइये।किसी जरूरतमंद को कुछ देते समय फ़ोटो न खिंचे उसको सोशल मीडिया पे न भेजे।इससे लोग जरूरत होने पर भी सामान नही लेना चाहाते है।आप दान देने बाले लोगो को जागरूक करें की की इस संकट की घड़ी में लोगों की सहायता करें, लेकिन किसी के सम्मान को आहत न करें।दान अवश्य करें।
सौरभ पाठक