सावन और देवों के देव महादेव का गहरा नाता है और इस बार का सावन बेहद खास भी है। 28 जुलाई से शुरू हो रहे इस सावन में बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। पंचाग के अनुसार, सावन में पांच सोमवार हैं साथ ही पूरे 30 दिनों का भी है। पंचाग के अनुसार, इस साल सावन का महीना 30 दिन होने का कारण अधिकमास है, जो पूरे 19 साल बाद पड़ रहा है। आइए जानते हैं सावन के सोमवार के खास संयोग के बारे में….
कई गुणा मिलता है फल
पुराणों के अनुसार, अन्य दिनों के अपेक्षा सावन के महीन में शिव की पूजा और अभिषेक करने से कई गुणा अधिक लाभ मिलता है। इसी कारण भक्तों में सावन के सोमवार को लेकर एक अलग उत्साह नजर आता है। शिव के रूद्र रूप को उग्र माना जाता है लेकिन प्रसन्न होने पर ये तीनों लोकों के सुखों को भक्तों के लिए सुलभ कर देते हैं।
लग रहा है रोटक व्रत
इस वर्ष सावन की खास बात यह है कि इसमें पूरे 5 सोमवार होंगे। इसका मतलब यह है कि इस बार रोटक व्रत लग रहा है। शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त रोटक व्रत पूरा करता है यानी पांचों सोमवार के व्रत रखता है, भगवान शिव और माता पार्वती उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
शिव-पार्वती के लिए है बेहद खास
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर सावन के महीने में ही उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा था कि जो भी भक्त सावन में मेरी पूजा करेगा उनकी मनोकामना मैं पूरी करूंगा।
इस दिन हो रहा है सावन समाप्त
28 जुलाई से सावन का पहला दिन शुरू हो रहा है और 26 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त हो रहे हैं। सावन महीने के सभी मंगलवार के व्रत माता पार्वती के लिए किए जाते हैं, जो भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं। सावन माह में मंगलवार को किए जाने वाले व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।
इसलिए कहा जाता है आशुतोष
‘आशु तुष्यति इति आशुतोष:’ इस संस्कृत व्युत्पत्ति के अनुसार जो शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएं उन्हें आशुतोष कहा जाता है। इन्हें प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है अभिषेक, इसे आप श्रद्धा से फिर चाहें दूध, दही, मधु, चावल, पुष्प या गंगाजल से करें। यही वजह है कि सावन में रुद्राभिषेक भी खूब किए जाते हैं।
– पंडित आर के तिवारी- छत्तीसगढ़