बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। संजीव गर्ग हत्याकांड का खुलासा पुलिस के चुनौती बन गया है। हत्याकांड को 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ हत्यारों तक नही पहुंच पाई है। लखनऊ मुख्यालय से सीधी मानीटरिंग की जा रही है। डीजीपी के बढ़ते दवाब के बाद एडीजी राजकुमार ने खुद खुलासे को लेकर संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। हत्याकांड का खुलासा न होने से उद्यमियों में पुलिस के प्रति नाराजगी व्यक्त की। तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। कहा कि यदि तीन दिन में राजफाश न हुआ तो शासन में मुद्दा उठाया जाएगा। चुनावी दौर में उद्यमी भी आन्दोलन की राह के करीब पहुंच सकते है। जिसको लेकर पुलिस के लिए खुलासा एक चुनौती से कम नही है। एक तरफ विधानसभा चुनाव की भाग दौड़, वीवीआईपी की सुरक्षा के साथ ही शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न कराने की जददोजहद मे उलझी पुलिस दूसरी ओर हत्याकांड का खुलासा न होने से उद्यमियों की बढ़ती नाराजगी से पुलिस की टेंशन बढ़ने लगी है। पुलिस का मानना है कि हर पहलू पर जांच पड़ताल की जा रही है कड़ियां जुटाई जा रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा। बही फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा के अवलोकन के उपरांत घटना में शामिल संदिग्धों की फोटो प्राप्त की। फोटो को पूर्व में पहचान हेतु शेयर कराया गया था। अब अभियुक्तों का स्केच बनाकर जारी किया गया है। आपको बता दें कि प्रेमनगर के रहने वाले प्लाईवुड कारोबारी संजीव गर्ग की 20 जनवरी को हत्या कर दी गई थी। फतेहगंज पश्चिमी के अगरास रोड पर कार के भीतर ड्राइविंग सीट पर उनका शव मिला था। फतेहगंज पश्चिमी थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद 48 घंटे के भीतर हत्याकांड के राजफाश का दावा किया। हर दिन अहम सुराग की बात कही गई लेकिन 15 दिन बाद भी पुलिस हत्याकांड की कड़ी नहीं सुलझा पाई। उद्यमीयो के हत्याकांड के राजफाश मे पुलिस कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है। यह तब है जब सरकार उद्यमियों को हर सुरक्षा का दावा कर रही है। 15 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। चेतावनी देते हुए कहा कि हत्याकांड का तीन दिन के भीतर राजफाश न होने पर उद्यमी आंदोलन को मजबूर होंगे। खुलासा ना होने पर मीरगंज व फतेहगंज पुलिस के जिम्मेदारों की कुर्सी खिसकने की भी आशंका जताई जा रही है। जिसको लेकर खाकी के जिम्मेदारों में कार्रवाई का खौफ झलक रहा है।।
बरेली से कपिल यादव