बाड़मेर /राजस्थान- पिछले एक दशक में बाड़मेर जिले में बहुत सारे बदलाव आपको दिखाई दे रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा दुःखी इस बात पर होता हूँ कि सालों से मेहनत करने वाले बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां देने के नाम पर लूट खसोट करने वाले नकल माफिया के लोगों ने राज्य सरकार की परिक्षा कार्यालयों में भी पेपर लीक करने में महारत हासिल की यह उपलब्धियां कहूँ या फिर सरकारी मशीनरी में तैनात अधिकारियों ओर कर्मचारियों की धन लोलुपता के बहाने भ्रष्टाचार की बहती हुई गंगा जिसमें सभी ने अपने कर्मो के हिसाब से अपने अपने पापों को जमकर धोया ….
रीट को लेकर बाड़मेर जिले के युवा घर-परिवार भूलकर जोर-शोर से तैयारी में जुटे हुए थे। किसी की शादी ब्याह अटकी है, किसी के लिए यह परिक्षा आखिरी मौका है। यह परीक्षा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह तीन साल के बाद हो रही थी। शिक्षा विभाग इसको लेकर अतिरिक्त सावधानियां बरत रहा था लेकिन फिर भी हमारे साथ में खिलवाड़ करने वाले नकल गिरोहों द्वारा सैध लगाकर सरकारी साख पर भट्टा बेठा दिया।26 सितंबर की राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा प्रदेशभर से 16 लाख से अधिक अभ्यर्थीयो ने आवेदन किया था l बाड़मेर जिले में रीट के लिए 65 सेंटर बनाए गए थे , जिन पर 38 हजार 778 अभ्यर्थी परीक्षा होना था । परीक्षा दो परियों में आयोजित की गई। बालोतरा में 23 और बाड़मेर में 42 सेंटर बनाए गए थे।
बाड़मेर पुलिस को साफ़ अंदेशा था कि चार घंटे पहले पहुंचने से पेपर आउट हो सकता है और इसी विषय को लेकर बाड़मेर कलेक्ट्रेट मे कलेक्टर और एसपी ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करके यह फैसला लिया था कि परीक्षा सेंटरों पर परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही पेपर पहुंचाया जाएगा l
बाड़मेर के पूर्व पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बताया था कि बाड़मेर पुलिस के साथ ही राजस्थान पुलिस ताबड़तोड़ तरीके से नकल माफियाओं पर कार्रवाई कर रही है,इससे नकल गिरोह खौफजदा है लेकिन फिर भी परिणाम आपके सामने आ गया है आजकल बाड़मेर जिले में …..
एसओजी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रीट एग्जाम होने से एक-दो दिन पहले ही बाड़मेर जिले के परीक्षार्थियों के पास पेपर पहुंच चुका था। पेपर को खरीदने के लिए बाड़मेर में रुपए का बड़ा लेन-देन हुआ है। पेपर रुपए देने वालों के पास पहुंचता, उससे पहले बाड़मेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया और दो दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था लेकिन पुलिस सफलता के नशे में मशगूल हो गई और नकल माफिया अपने मिशन में कामयाब हो गया नहीं तो आज यह दिन नहीं देखना होता l
खबरों के मुताबिक एसओजी टीम पिछले तीन-चार दिन से बाड़मेर मुख्यालय सहित धोरीमन्ना, गुडामालानी, चौहटन, जालोर इलाके के आसपास डेरा डाले हुए है। टीम को धोरीमन्ना इलाके के दो युवकों की तलाश है। इस प्रकरण में इन दोनों की भूमिका अहम बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि ठेकेदार भजनलाल के साथ में यह दोनों युवक काम करते थे।
एसओजी द्वारा हिरासत में लिए गए भजनलाल पेशे से बड़ा ठेकेदार हैं। बाड़मेर जिले के एक विधायक उनके नजदीकी हैं। हिरासत में लेने के बाद विधायक ने हस्तक्षेप भी किया था लेकिन एसओजी ने टीम ने उनकी एक नहीं सुनी। इसके बाद पूर्व मंत्री के भी हस्तक्षेप की बात सामने आ रही है। ठेकेदार भजनलाल जिले के कई सरकारी स्कूलों, कालेजों में पढाई लिखाई कराने वाले मास्टरों सहित जो निजी कोचिंग सेंटरों पर बेरोजगारों को विशेष सरकारी नौकरियां देने के लिए टिप्स , कोचिंग सेंटरों ओर कॉलेज मालिकों से भी अच्छे संबंध होने के साथ बहुत बडे़ बडे़ अधिकारियों से भी अच्छे ताल्लुकात हैं।
– राजस्थान से राजूचारण