मौजूदा मास्टरी परीक्षा में नकल रोकने के लिए सरकार की कड़ी अग्निपरीक्षा में खाकी लवाजमा पास हुआ या फिर फेल❓

बाड़मेर/राजस्थान- कोराना भड़भड़ी से पिछले दो साल से मुकाबला करने के साथ ही आज-कल शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी मास्टरजी बनने के लिए रीट परीक्षा को दुबारा करने की मांग ने राज्य सरकार की चिन्ता जरूर बढ़ा रखी है। पिछले दिनों राज्य स्तरीय नकल माफियाओं के प्यादे पकड़े गए ओर अन्य परीक्षाओं में नकलची गिरोह की सेंध रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार द्वारा हर संभव प्रयास करने के साथ ही परीक्षाओं की समाप्ति तक अभ्यर्थियों को सही और आसान तरीके से पहुंचाने पर भी काम चल रहा था। पिछले साल की इस परीक्षा से पहले राजधानी के पुलिस मुख्यालय में बडे़ बडे़ पुलिस अफसरों की बैठक प्रस्तावित करने के साथ ही चाक चौबन्द रहने के लिए कहा गया था ओर बैठक के बाद ही राज्य भर में नेटबंदी पर फैसला लिया गया था । बैठक के अधिकारियों की मानें तो रविवार को परीक्षा के दौरान दस बारह से चौबीस घंटे के लिए इन्टरनेट सेवाओं को बंद किया जा सकता था। बताया जा रहा है कि कई बेरोजगार संगठनों ने भी नक़ल रोकनबेरोजगार समय समय पर नेट बंदी की मांग की थी।

पहले से ही रेंग रेंग कर चलने वाली
रीट भर्ती 2021 की तीन तारीखें बदलने के बाद आखिरकार रविवार 26 सितंबर को आखिरकार समाप्त हो गई थी। परीक्षा इसलिए सबसे बड़ी है क्योंकि इसमें पच्चीस लाख से ज्यादा बेरोजगार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इन अभ्यर्थियों को राज्य के हर जिले में परीक्षा देने के लिए सेंटर दिए गए थे। चार हजार से भी ज्यादा परीक्षा सेंटर्स पर 31 हजार से ज्यादा पदों के लिए दो पारियों में परीक्षा का आयोजन किया गया था । माना जा रहा है कि इस परीक्षा में सत्तर फीसदी से भी ज्यादा अभ्यर्थी उपस्थित हो सकते हैं और इसके अनुसार सरकार द्वारा हाई लेवल पर तैयारियां की गईं थीं।

नाम नहीं छापने की शर्त पर परिक्षा देने वाले बेरोजगारों ने बताया कि
दरअसल रीट से पहले ही पुलिस प्रशासन और जिलों में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को पेपर लीक होने का डर था। यही कारण है कि पेपर सिस्टम के बारे में चुनिंदा अफसरों को ही फिलहाल जानकारी थी। परीक्षा से एक घंटे पहले ही सेंटर्स पर पेपर पहुंचाएं जाएंगे आवश्यक दिशा निर्देशों के साथ। उधर पुलिस को इसलिए भी बड़ा डर सता रहा है कि इस महीने एक ही सप्ताह में चार बार नकल गिरोह माफियाओं द्वारा परीक्षाओं में सेंध लगा चुका था। इन परीक्षाओं में नीट, एसआई भर्ती, कृषि पर्यवेक्षक और डाक सेवा की भर्ती शामिल थी। इन चारों परीक्षाओं में सेंध लगाने की कोशिश करने वाले लगभग एक सौ बीस नकलचियों ओर गिरोह के लोगों को सप्ताह भर के दौरान पकडा जा चुका था।

इतना सख्त बंदोबस्त आज तक नहीं हुआ था राज्य में, सात सुरक्षा एजेंसियां जुटीं है नकलचियों की सुरागरसी में ओर जिला कलक्टर पर नेट बंदी पर फैसला सुरक्षा और नेट बंदी को लेकर दो पुलिस तंत्र और जिला प्रशासन की टीमें काम कर रही थी। हर जिले में थानों और पुलिस लाइनों के कुल जाब्ते में से करीब अस्सी फीसदी जाब्ते को परीक्षा सेंटर्स, बस स्टैंड, रेल्वे स्टेशनों और अन्य जगहों पर तैनात किया गया था । हर सेंटर पर आठ दस से बारह पन्द्रह तक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। कोविड गाइड लाइन का पालन भी सख्ती से कराने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच थानों की पुलिस के अलावा एसओजी, एटीएस, एसीबी, आईबी, डीएसटी, पुलिस अधीक्षकों की स्पेशल टीमें भी अपने अपने स्तर पर परीक्षा में सेंध लगाने वालों के खिलाफ जांच पडताल कर रही थी। यह पहली बार है कि किसी परीक्षा में पुलिस तंत्र की पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन परिणाम आपके सामने आ रहा है ।

राज्य के पुलिस बेडे में लगभग आईपीएस 185 ,एडिशनल एसपी 250,डीवाईएसपी 500,इंस्पेक्टर 1270,सब इंस्पेक्टर 4290,एएसआई 6110,हैड कांस्टेबल, 18000,कांस्टेबल 71000 से ज्यादा लगाये गये थे ।

आज फिर से अशोक गहलोत सरकार द्वारा हाई लेवल कमेटी विभिन्न पदों की परीक्षाओं के लिए प्रश्न बैंक के निर्माण में गोपनीयता, प्रश्न पत्र तैयार करने एवं प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और गोपनीयता का उच्च स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए मापदंड के संबंध में सुझाव देगी।

-प्रिंटिंग के बाद परीक्षा मुख्यालय तक प्रश्न पत्रों के पहुंचने के दौरान एवं उसके बाद संग्रहण केंद्र पर प्रश्न पत्रों की सुरक्षा एवं गोपनीयता पर अपने सुझाव देगी।प्रश्न पत्र की परीक्षा केंद्र तक पहुंचने और उसके बाद सुरक्षा और गोपनीयता के उपाय पर कमेटी सुझाव देगी

परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने के लिए आधारभूत संरचना, परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र की सुरक्षा और गोपनीय के मापदंड और उपाय देगी।

परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र के आवंटन की वस्तुनिष्ठ और पारदर्शी प्रक्रिया के संबंध में सुझाव देगी
-परीक्षा के लिए जिला समन्वयक परीक्षा केंद्र अधीक्षक सुपरवाइजर एवं परीक्षा वीक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियों का स्पष्ट निर्धारण किसी भी तरह की कोताही की स्थिति में अनुशासन कार्यवाही के संबंध में अपने सुझाव देगी

*परीक्षा संपन्न होने के पश्चात उत्तर पुस्तिका के गोपनीयता पूर्वक आयोग-बोर्ड तक परिवहन के संबंध में अपने सुझाव देगी

*उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान एवं परीक्षा परिणाम जारी होने तक पूर्ण सुरक्षा गोपनीयता और पारदर्शिता के संबंध में अपने सुझाव देंगी।
*कमेटी अपने अध्ययन के दौरान आवश्यकता के अनुसार प्रशासनिक विभागों, एजेंसियों, भर्ती संस्थाओं, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से विचार-विमर्श कर कर सकेगी।
*कमेटी का प्रशासनिक विभाग कार्मिक विभाग के अधीन होगा।

– राजस्थान से राजूचारण

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