नवाबगंज(बरेली)-भ्रष्टाचार को दबाने के लिए पुलिस बार बार पीड़ित पत्रकार को समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन पीड़ित पत्रकार की रिपोर्ट दर्ज करने में पुलिस आना कानी कर रही है 26 जनवरी को विधान सभा के सामने आत्मदाह की चेतावनी देने वाले पीड़ित पत्रकार कुतबुद्दीन अंसारी ने मीडिया को बताया कि पुलिस बार बार मुझे समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन रिपोर्ट क्यों नहीं लिखना चाहती ऐसा क्या कारण है जो पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखना चाह रही है। दर असल पुलिस नही चाहती कि कोई कोतवाली नवाबगंज का पुलिस का कर्मचारी या अधिकारी फंसे ।
आपको बताना जरूरी है कि नगर पालिका परिषद नवाबगंज में 7 दुकानों के मामले में पुलिस ने बिना जांच किए एक पक्षीय रिपोर्ट लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया दूसरे पक्ष से कोई जानकारी ली गई न ही पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज की गई जबकि पुलिस को सारे साक्ष्य उपलब्ध करा दिए गये थे। रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित पत्रकार ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर न्याय की मांग की। रिपोर्ट न लिखने पर पीड़ित पत्रकार ने 26 जनवरी को परिवार सहित विधान सभा के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी देकर पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया। पुलिस द्वारा अपने आप को फंसता देख बार बार पीड़ित पत्रकार को समझाने के प्रयास किए जाने लगे पीड़ित पत्रकार को न्यायालय भेजने की बात करने पर पीड़ित पत्रकार ने बताया कि मेरा मामला न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन बरेली में विचाराधीन है मैं क्या दुकान के ताले काटने और चोरी की रिपोर्ट भी न्यायालय लिखाने जाऊंगा दुकान के ताले काटने की जानकारी मिलने पर पीड़ित पत्रकार ने डायल 112 पर काल कर कोतवाली नवाबगंज में एक प्रार्थना पत्र दिया जिसपर कोई कार्य वाही न होने पर 12/10/2021 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली से मिलकर शिकायती प्रार्थना पत्र दिया जिसपर नवाबगंज कोतवाली के उप निरीक्षक सचिन सारस्वत ने अपने सम्बन्धों और निजी स्वार्थ के चलते एक पक्षीय रिपोर्ट लगाकर खाना पूरी कर दी पीड़ित पत्रकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी जिसमें रिपोर्ट का खुलासा हुआ और पता चला की पुलिस भ्रष्टाचार मे लिप्त है।इस वजह से पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करना चाह रही है।
– बरेली से तकी रज़ा