बरेली। आंवला से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह पाल को तगड़ा झटका लगा है। पॉक्सो एक्ट में उनके पक्ष में लगी पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष समेत सभी पांच अभियुक्त कोर्ट में तलब किए गए है। मामला भाजपा के जिला अध्यक्ष वीर सिंह पाल से जुड़ा है। विद्यार्थी परिषद की राजनीति से निकलकर भाजपा के जिलाध्यक्ष बने वीर सिंह पाल के खिलाफ आंवला की एक महिला ने पुलिस को तहरीर दी थी लेकिन आंवला पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। जिस पर पीड़ित महिला ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर आंवला पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले में चार्जशीट दाखिल के करने के स्थान पर फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष को क्लीन चिट दे दी थी। जबकि इस मामले में पीड़ित के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष हो चुके थे। तब भी पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान की अनदेखी कर दी। मामले मे पुलिस को फाइनल रिपोर्ट लगने के खिलाफ पीड़ित महिला ने फिर कोर्ट की शरण ली। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट में हुई। साक्ष्यों का अवलोकन कर विशेष न्यायाधीश ने 15 सितंबर 2019 को आंवला पुलिस द्वारा दाखिल की गई फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर दिया। कोर्ट ने अभियुक्त वीर सिंह एवं पम्मी को पाक्सो एक्ट व अभियुक्त राजू, गुड्डू, दर्पण को धारा 323, 504, 452 में तलब किया है। इस पूरे मामले में वीर सिंह के साथ कांग्रेस और भाजपा से लोकसभा टिकट मांग चुके एक नेता का भाई भी अभियुक्त है। यह नेता रहते तो दिल्ली में है लेकिन आंवला में उनका पैतृक निवास है। इसके अलावा वीर सिंह पर फरीदपुर में भी मुकदमा दर्ज है।।
बरेली से कपिल यादव