मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का किया उद्घाटन, मंदिर परिसर तीन हजार वर्ग फीट से 5 लाख वर्ग फीट का हुआ

*प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ कोरिडोर बनाने वाले 2500 मजदूरों के साथ बैठकर पंगत में भोजन किया

केकड़ी/राजस्थान- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को दिन रात एक कर मूर्त रूप देने वाले लगभग 2500 मजदूरों के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी ने भोजन किया। इस दौरान उन्होंने मजदूरों के साथ फोटो भी खिंचवाएंगे। मजदूरों के साथ किये भोजन में गुजराती व्यंजन की भी खास व्यवस्था की गई। पीएम मोदी ने मजदूरों के साथ पंगत में बैठकर भोजन किया। खाने के मेन्यू उनकी पसंद को ध्यान में रखकर तैयार किया गया। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी जब भी काशी के दौरे पर आते हैं तो पांच सितारा होटल छोड़कर वे बरेका गेस्ट हाउस में ही रुकना पसन्द करते हैं। बरेका गेस्ट हाउस का कमरा नंबर 13 उनके लिए रिज़र्व रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उद्घाटन के दौरान वहाँ मौजूद लोगों को सम्बोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी को कर्मयोगी बताया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बनारस के लोगों पर शक करते थे। कहते थे कि ये कैसे होगा, वो कैसे होगा। बनारस पर आरोप लगाए जा रहे थे। लेकिन उनको पता नहीं था कि काशी तो अविनाशी है। काशी में तो एक ही सरकार है वो सरकार है बाबा की। पीएम मोदी ने काशी में मौजूद साधु-संतों और लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का। उन्होंने कहा कि पहले यहाँ जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले माँ गंगा का दर्शन-स्नान, और वहाँ से सीधे विश्वनाथ धाम। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं। उन्होंने कहा कि इस नगरी पर आक्रमण हुए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए, औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। उन्होंने कहा कि इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है। पीएम मोदी ने कहा, ‘जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है? आज भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार है। आज विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि, एक नया इतिहास रच रही है। हमारा सौभाग्य है कि हम इस तिथि के साक्षी बन रहे हैं। मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।’ उन्होंने कहा ये जो कुछ भी हुआ है, वो सब बाबा की दया है। बाबा की इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। बाबा के साथ अगर किसी और का योगदान है तो वो है काशी के वासियों का। बाबा अपने भक्तों की सेवा से प्रसन्न हुए हैं, इसीलिए उन्होंने आज के दिन का आशीर्वाद दिया है। बाबा का धाम हमारी आस्था, संस्कृति और सभ्यता का परिचय कराता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर हर कोई आसानी से बाबा के दर्शन कर सकेगा। हमारे दिव्यांग भाई बहनों और बुजर्गों को अब दिक्कतों को सामना नहीं करना पड़ेगा।

– राजस्थान से तिलक माथुर

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