फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। धनतेरस पर खरीदारी व पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और विशेष फल देने वाले मुहूर्त बन रहे हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, मंगलवार दो नवंबर को धनतेरस व चार नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी के साथ आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से की जाएगी। धनतरेस का यह पर्व खरीदारी के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। मंगलवार को धनतेरस होने से पूरे दिन खरीदारी का योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो खरीदारी को मुहूर्त सुबह 8 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहा है। जो रात एक बजकर 10 मिनट तक के लिए बन रहा है। मान्यता है कि कार्तिक त्रयोदशी तिथि धनतेरस पर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की उपासना की जाती है। इससे घर में धन संपत्ति आती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन झाड़ू की खरीदारी करने से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही समृद्धि आती है। तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख रखने से काल संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अकाल मृत्यु से बचाव होता है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के प्रतीक मिश्रपुरी की मानें तो धनतेरस पर ग्रह गोचरों का शुभ संयोग बनने के कारण पूरे दिन खरीदारी कर सकते है। धनतेरस पूजन के लिए शुभ समय सुबह 8.46 मिनट से 10.10 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11.46 बजे से 12.36 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल में धन्वंतरि पूजन शाम 5.38 से 8.14 तक रहेगा। धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं, कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय ओम ही कुबेराय नम: मंत्र का जाप करें। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें. और मिट्टी का दीपक जलाएं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाएं।।
बरेली से कपिल यादव