फतेहगंज पश्चिमी, शेरगढ़, शाही, बहेड़ी/बरेली । किच्छा नदी सहित अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। अक्टूबर माह की मूसलाधार बारिश से जिले के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। घरों मे पानी घुस गया है। घुटनों से उपर तक पानी मे लोगों का रहना बेहाल होता जा रहा है। घरों में पानी भरे होने के कारण गांव वासियों को अपने छोटे बच्चों को गोदी में लेकर जागकर रात गुजारनी पड़ रही है ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रह सके। प्रशासन ने किच्छा नदी से सटे गांवों में मुनादी कराई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का इंतजाम भी किए जा रहे है। डीएम ने जिला आपदा राहत अधिकारी मनोज कुमार पांडेय को बहेड़ी के दौरे पर भेजा है। राजस्व विभाग के साथ-साथ बाढ़ खंड और कई विभागों की संयुक्त टीमों को बहेड़ी भेजा गया है। उधर रामगंगा नदी से सटे गांव में भी अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने 48 बार चौकियों को एक्टिवेट कर दिया है। बारिश से धान की फसल नष्ट हो गई है और गन्ना पर संकट के बादल छा गए हैं। चारा न मिलने से पशुओं की जान पर बन आई है। गांववासियों को अपने पशुओं के लिए चारा तक नहीं मिल पा रहा है। बरेली के शेरगढ़ के नगरिया कला गांव, हाबूडा बस्ती, कस्बापुर, बरीपुरा, धर्मपुरा, कमालपुर, लखीमपुर और दुनका के कमालपुर, धरमपुरा, वसई, सुल्तानपुर, बिहारीपुर, भमोरा के गांव जलमग्न हो चुके हैं। शाही के किच्छा नदी का जलस्तर बढ़ने पर भमोरा-दुनका मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है। दुनका के कमालपुर, धरमपुरा, वसई, सुल्तानपुर, दुनका, बिहारीपुर, भमोरा आदि गांव बुरी तरीके से नदियों का पानी हर गांव में और घरों में हो घुस चुका है। बारिश से धान की फसल चली गई अब बचा हुआ धान पानी में बहा जा रहा है। जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है और गरीब लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है। लोग दो वक्त का खाना भी नहीं खा पा रहे हैं। लगातार बारिश से गांव के कई घर भी धाराशाही हो चुके हैं। शाही के किच्छा नदी का जलस्तर बढ़ने पर भमोरा-दुमका मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है। आवाजाही बाधित हो चुकी है और दर्जनों गांव में पानी घुस चुका है। कई गांव जलमग्न हो गए है। शेरगढ़ मे बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है। बाढ़ नवनिर्मित पंचायत सचिवालय नेहरू मंडल कार्यालय समेत सरकारी कार्यालयों में भी पानी घुस गया है। गांव में तेजी से जलस्तर बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर परिवार घरों में कैद घर है क्योंकि बाहर निकलने जगह ही नहीं है। नगरिया कला गांव के हाबूडा बस्ती में पानी में लोगों के घर डूब चुके हैं। लोगों को अब सिर्फ छत का सहारा है। कस्बापुर, बरीपुरा, धर्मपुरा, कमालपुर, लखीमपुर में स्थितियां बद से बदतर होती जा रही हैं। नगरिया कलां के 77 वर्षीय रिटायर्ड अध्यापक रघुवर दयाल गंगवार ने बताया कि हर जगह पानी ही पानी है। इस वक्त बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं। पानी के तेज बहाव से दुनका-नगरिया सोबरनी मार्ग भी कट गया है। वही फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव सिरसा जागीर, पनवड़िया, चिटौली, भोलापुर शंखापुर गांव में नदियों ने कटान शुरू कर दिया है। खेतों में खड़े लिपटिस के पेड़, मुंगेर आदि नदी मे बह रही है।।
बरेली से कपिल यादव