कोटा वीएमओयू किताबों में मिलीभगत से लाखों के घोटाले, दो किए गिरफतार

बाड़मेर/राजस्थान- प्रिंटिंग प्रेस के संचालक द्वारा वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के अधिकारियों से मिलीभगत कर पुस्तकें व अन्य सामग्री छपाई का कार्यदेश लेने व घटिया पेपर पर पाठ्य पुस्तक सामग्री छपाई कर विश्वविद्यालय को सप्लाई करने के मामले में बारां एसीबी ने कार्रवाइ करते हुए प्रिंटिंग प्रेस के संचालक व विश्वविद्यालय कोटा के तत्कालीन निदेशक (एमपीसी विभाग) को गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण में एक आरोपी विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक सुरेश चंद की तलाश जारी है।

बारां एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि परिवादी प्रभुल्ल गोयल, प्रोपराईर प्रज्ञा पब्लिकेशन्स प्राइवेट लि. मथुरा उत्तरप्रदेश ने शिकायत की थी कि वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-2017 में पाठ्य पुस्तक सामग्री छपाई के लिए निविदा जारी की थी। निविदा शर्त के अनुसार निविदा प्राप्त करने वाली फर्म का वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़ रुपए होना चाहिए तथा छपाई के लिए कागज की प्रकार 23 गुणा 36 व 8 इंच मय 60 जीएसएम पेपर तथा 180 जीएसएम पेपर मय कवर बाइंडिंग होनी चाहिए। निविदा के बाद मैसर्स सरस्वती प्रेम मथुरा को कार्यदेश जारी किया। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालयए कोटा के अधिकारियों द्वारा कार्यादेश जारी करने से पहले फर्म का भौतिक सत्यापन किया गया। उन्होंने फर्म का वार्षिक टर्नऑवर नहीं जांचा। फर्म का वार्षिक टर्न ऑवर मात्र 5 करोड़ रुपए है, जबकि निविदा में 12 करोड़ दर्शाया। इसके बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्म को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। यही नहीं निम्न स्तर के पेपर पर पाठ्य पुस्तक सामग्री छपाई कर विश्वविद्यालय को सप्लाई की जा रही है। अधिकारियों द्वारा विश्वविद्यालय को करोड़ों का आर्थिक नुकसान किया जा रहा। इस शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय जयपुर पर परिवाद दर्ज हुआ। जांच में शिकायत में वर्णित तथ्य प्रमाणित पाए जाने पर मामला दर्ज किया गया।

प्रकरण में अनुसंधान व जब्त रिकार्ड में पाया कि ओरापी सरस्वती प्रेस मथुरा के अमित अग्रवाल ने कोटा विवि द्वारा पुस्तकें व अन्य सामग्री छपाई के लिए वर्ष 2016.17 में जारी की गई निविदा में अपनी फर्म के वित्तीय वर्ष 2014.15 के वार्षिक टर्न ऑवर में काट-छांट कर विवि द्वारा चाहे वित्तीय वर्ष टर्न आवर 12 करोड़ से अधिक कर निविदा में भाग लिया था। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के निदेशक (एमपीसी विभाग) करण सिंह, वित्त नियंत्रक सुरेश चंद से मिलीभगत कर छपाई के लिए अपनी फर्म के नाम कार्यदेश जारी करवाया तथा आरोपी फर्म को निविदा जारी करने की अनुसंशा की गई। वहीं वित्तीय बिड, लेबोरेट्री व टेस्टिंग समिति के सदस्यों द्वारा आरोपी फर्म को भुगतान करने की अनुसंशा की गई। मामले में आरोपी धारा 131 (दो), पीसी एक्ट, 1988 व 467, 468, 471 एवं 120बी भादस में मामला दर्ज किया गया। एसीबी टीम ने ने अठारह अक्टूबर को मथुरा से अमित को डिटेन किया तथा आरोपी करण सिंह को उन्नीस अक्टूबर को जयपुर से डिटेन कर गिरफ्तार किया। दोनो आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपियो को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

– राजस्थान से राजूचारण

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