नौरादेही में मिलेगी सैर-सपाटे खान-पान और ठहरने की सुविधा: टूरिस्ट वाहन चलाने की भी प्लानिंग

* ईकों टूरिज्म बोर्ड से चल रहा काम

*प्रदेश के तीन जिले की सीमा में फैले हुए नौरादेही अभ्यारण्य के हिनौती और झापन में बन रहे प्रवेश द्वार से टिकट व टूरिस्ट वाहन की सुविधा मिलेगी

*विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष-40से 45किमी एरिया में कर सकेंगे सैर सपाटा-रेस्ट हाउस में ठहरने के लिए नान एसी रुम का किराया 1000 रुपए और एसी रुम का किराया 1200रुपए निर्धारित किया

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा -दमोह सागर व नरसिंहपुर जिले में फैले और क्षेत्रफल के हिसाब से प्रदेश के सबसे बड़े नौरादेही अभ्यारण्य में पन्ना टाइगर रिजर्व की तरह पर्यटकों के लिए सुविधाएं मिलेगी ईकों टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से यहां टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने पर काम शुरू हो गया है टूरिस्ट को सैर सपाटे ठहरने खान पान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी डोंगरपुर गांव के सरसैला पंचवटी एरिया में कैफेटेरिया व रुकने के लिए 2 कॉटेज बनाए जा रहे हैं वहीं दो नए प्रवेश द्वार का काम शुरू हो गया है अभ्यारण्य के बीच से निकले सागर जबलपुर रोड पर एक द्वार हिनौती और दूसरा झापन में बनाया जा रहा है यही से टिकट और 2सरकारी टूरिस्ट वाहन(जिप्सी)की व्यवस्था रहेगी वहीं आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार देने के लिए प्राइवेट टूरिस्ट वाहन चलाने की भी प्लानिंग है कोविड के कारण यहां अभी टूरिस्ट गतिविधियां बंद चल रही है एक अक्टूबर के बाद टूरिस्ट के लिए यह अभ्यारण्य खुल सकता हैकाम शुरू हो गया है नौरादेही अभ्यारण्य
भेड़ियों के लिए प्रसिद्ध नौरादेही में सफल हुआ बाघ शिफ्टिंग प्रोजेक्ट
भेड़ियों के प्राकृतिक बास के लिए प्रसिद्ध नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की दहाड़ गूंजने लगी है मप्र के पन्ना टाइगर रिजर्व के बाद नौरादेही दूसरी सेंचुरी है जहां बाघ शिफ्टिंग प्रोजेक्ट सफल रहा अप्रैल 2018 में यहां कान्हा से बाघिन एन लाई गई थी जिसे राधा नाम दिया गया था राधा नौरादेही अभ्यारण्य में रमने के बाद यहां बांधवगढ़ से बाघ एन-2 बाघ लाया गया जिसे किशन नाम दिया गया मई 2019 में राधा ने तीन शावकों को जन्म दिया इस तरह सीन साल में अभ्यारण्य में बाघों का कुनबा बढ़कर 2से पांच पर पहुंच गया नौरादेही अभ्यारण्य सागर दमोह नरसिंहपुर तथा कुछ हिस्सा जबलपुर जिले में भी आता है जो कि 1200 वर्ग किमी भू-भाग में फैला हुआ है जहां बाघ बाघिन और तीनों शावकों को भी अभ्यारण्य काफी पसंद आ रहा है जहां तीनों शावक एक साथ घूमते हुए देखे जा चुके हैं
पहले मुहली तक ही सिमटा था टूरिज्म अब 40-45किमी एरिया में कर सकेंगे सैर सपाटा
कोविड के पहले नौरादेही की सैर पर आने वालों को सिर्फ मुहली के सरकारी रेस्ट हाउस और आसपास भ्रमण की सुविधा थी अब नए प्रवेश द्वार एक तरह से टिकट विंडो की तरह काम करेंगे यहां पार्किंग की व्यवस्था रहेगी यहां से टूरिस्ट वाहन उपलब्ध कराएं जाएंगे नौरादेही एसडीओ सेवाराम मलिक ने बताया कि पर्यटकों के लिए 2जिप्सी उपलब्ध रहेंगी इसमें 6सवारी एक साथ जा सकेंगी इसका किराया 1500रुपए है इसके अलावा प्रति व्यक्ति 250रुपए किराया है गाइड का चार्ज 200रुपए है वहीं रेस्ट हाउस में ठहरने के लिए नान एसी रुम का किराया 1000रुपए और एसी रुम का किराया 1200रुपए निर्धारित किया गया है सरकारी टूरिस्ट वाहन के अलावा जल्द ही आसपास के गालों के लोगों को भी रोजगार की दृष्टि से टूरिस्ट वाहन चलाने की परमिशन देने की प्लानिंग है टूरिस्ट को से ढाई घंटे में 40-45किमी एरिया में भ्रमण कराया जाएगा
यहां बाघ का परिवार तेंदुए मगरमच्छ रीछ और दुर्लभ प्रजाति के पक्षी साथ ही बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद
यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद काफी कम ही रही है इसकी वजह सेंचुरी को लेकर प्रचार प्रसार और टूरिस्ट के लिए संसाधन व सुविधाओं की कमी मानी जा रही है अब यहां बाघ किशन और बाघिन राधा का कुनबा बढ़ रहा है साथ ही बाघ बाघिन एक और जोड़ा लाने की तैयारी चल रही है वाइल्ड लाइफ से जुड़े विशेषज्ञों ने बायो डायवर्सिटी जैव विविधता के लिए यहां बाघ बाघिन को लाने की आवश्यकता जताई है और भविष्य में अफ्रीकन चीतों के आने की उम्मीद लगी हुई है जिससे कि यह बुंदेलखंड का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनने की संभावना है वर्तमान में यहां दो बाघ व तीन बाघिन है 20-25 तेदुएं लोकेट हुए हैं इनके अलावा रीछ 14 जलाशय में 214 मगरमच्छ नीलगाय बारहसिंघा चीतल और कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी देखे जाते हैं फरवरी 2020 में हुए बर्ड वॉचिंग सर्वे में गिद्ध की विलुप्त होती 5 प्रजातियां पाई गई है वहीं 162 प्रजाति की चिड़िया भी देखी गई थी
नौरादेही अभ्यारण्य म़े बड़े वन्यजीव
अभ्यारण्य में जहां सभी वन्यजीवों की संख्याओं में बढोत्तरी हुई है तो इसी तरह भेड़ियों की संख्या में सबसे ज्यादा बताई जाती है ऐसा माना जाता है कि प्राकृतिक और भौगोलिक कारणों से भेड़ियों का प्राकृतिक आवास है एक समय था इस इलाके में भेड़ियों की सबसे बड़ी संख्या मौजूद थी इसी कारण अभ्यारण्य को भेड़ियों का आवास का दर्जा दिया गया है
एक्टपर्ट-नदी पहाड़ पोखर वन्य जीव व पक्षियों की वैरायटी से टूरिस्ट खिचें चले आएंगे
नौरादेही अभ्यारण्य की विशेषता यह है कि यहां विविध प्राकृतिक संरचनाएं जैसी नदी पहाड़ पोखर घना जंगल वनस्पति वन्य जीव व पक्षियों की अलग अलग प्रजाति देखने को मिलती है यह किसी एक सेंचुरी काफी कम देखने को मिलता है यहां देशभर से सैलानी वर्ड वॉर्चिग के लिए आते रहे हैं सर्दी के मौसम में यहां प्रवासी पक्षियों को बसेरा रहता है बाघों के बसेरे के बाद यहां भविष्य में अफ्रीकन चीते लाने की भी प्लानिंग है टूरिज्म को लेकर सुविधाएं बढ़ने से यहां टूरिस्ट खुद ही खिचें चले आएंगे
अमित सांकल्या वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट( कई सालों से नौरादेही में वर्ड वॉर्चिग के लिए आ रहे हैं)

पन्ना जैसी सुविधाएं देने का प्रयास
नौरादेही अभ्यारण्य में टूरिज्म गतिविधियां बढ़ाने के लिए ईकों टूरिज्म बोर्ड से काम कराए जा रहे हैं यहां भी पन्ना टाइगर रिजर्व की तरह टूरिस्ट को तमाम सुविधाएं मिले ऐसा प्रयास है इस दिशा में काम आगे बढ़ रहा है अमित कुमार दुबे सीसीएफ सागर

विशाल रजक तेन्दूखेड़ा

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