बरेली। जिले भर में एक तरफ स्मैक और दूसरी तरफ अफीम का कारोबार होता है। कई बर्षो से जुड़े इन मादक पदार्थ के तस्करों ने नेशनल हाइवे पर जमीन खरीदकर अपने कारोबार व आशियाने बना लिए हैं। शहर के बीच से निकलने वाले नेशनल हाइवे पर स्मैक का कारोबार होता है तो दूसरी तरफ रामगंगा के पार अफीम तस्करों का बोल वाला है। अफीम बेचकर भी तस्करों ने करोड़ों की संपत्ति बना ली है। कई तस्कर तिहाड़ से लेकर लखनऊ की जेलों में बंद है। फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज, फरीदपुर और फतेहगंज पूर्वी में सालों से स्मैक तस्करी होती आ रह रही है। यहां के रहने वाले सैकड़ों लोग करोड़पति हो गए हैं। पुलिस के पास ऐसे 35 लोगों की सूची आ गई है। पुलिस ने उनकी जांच शुरू कर दी है और कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। लखनऊ दिल्ली हाईवे पर स्मैक तस्करों को बोल वाला है तो बदायूं रोड पर रामगंगा पार होते ही अफीम तस्करों ने अपना जाल फैला रखा है। यहां अफीम तस्करों का झारखंड के तस्करों के साथ मिलकर करोड़ों का कारोबार होता है। यह लोग औरतों को अपने गैंग में शामिल करके उनसे कोरियर का काम कराते हैं। दिल्ली तक एक डिलीवरी पहुंचाने के बदले महिलाओं को 10-15 हजार रुपये दिए जाते हैं। स्मैक तस्करों की तरह ही अफीम तस्करों ने भी करोड़ों की संपत्ति जुटा ली है। इनका भी अपना बाजार और होटल है। इसके साथ ही अफीम के काम करने वाले तमाम लोग लखनऊ से लेकर तिहाड़ जेल में एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा भी काट रहे है।।
बरेली से कपिल यादव