बाड़मेर/ राजस्थान- भाजपा का राज्य में अगली सरकार बनाने वाला दो दिवसीय चिंतन शिविर कल खत्म हो गया। दो दिन में बड़े-बड़े नेताओं की कमी पार्टी बैठक में जरूर खली, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष कई नसीहतें देकर आखिरकार चले गए। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने यह साफ़ साफ़ कह दिया है कि भाजपा की सरकार बनाने के दौरान गुटबाजी का कोई स्थान नहीं है। कोप भवन से बाहर निकलकर पोस्टर वार को बंद करो। सभी को एकजुट रहकर मिशन 2023 के लिए जुटना है। दो दिनों की बैठक में संगठन को मजबूती से लेकर प्रदेश की सुस्त राजनीतिक-सामाजिक स्थिति को लेकर खूब चर्चा हुई और हर चर्चा आखिरकार खत्म मिशन भाजपा की सरकार कैसे बनेगी 2023 पर ही खत्म हुई।
दो दिनों की बैठक में अगले दो साल के लिए भाजपा में जान डालने वाले रोडमेप पर ही चर्चा हुई। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि भाजपा संगठन को निचले स्तर पर कैसे मजबूत किया जाए। मौजूदा सत्ता के खिलाफ आंदोलन किया जाए। यह भी तय किया गया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने वाले दिन को भाजपा काला दिवस के रूप में मनाएगी। इस दिन राजधानी में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसमें तीन लाख कार्यकर्ताओं को बुलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला मुख्यालय ओर तहसीलों में भी प्रदर्शन होंगे। कोर कमेटी के सदस्यों के साथ अलग से चर्चा भी हुई, लेकिन यह चर्चा मात्र 15-20 मिनट तक ही सिमट कर रह गई। चिंतन बैठक में आए सभी नेताओं को यह साफ कर दिया गया कि कोर कमेटी का जो निर्णय होगा, उसे सभी असंतुष्ट नेता मानेंगे। लेकिन असंतुष्ट नेताओं का काफिला लगातार कुकरमुत्ते की तरह बढ़ता जा रहा है।
बैठक खत्म होने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस मंथन में विष और अमृत दोनों निकले हैं, जो संगठन की मजबूती में काम आएंगे। अमृत देश की जनता और विष कांग्रेसियों के लिए काम आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है, किसान परेशान है। युवा दुखी है। महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं भूपेंद्र यादव के नहीं पहुंचने का कारण राजनीतिक नहीं रहा। वे अपनी निजी समस्याओं के चलते यहां नहीं पहुंच पाए है।
दो दिनों की चिंतन बैठक में जिस पोस्टर वार से बचने की सलाह राज्य के धुरंधर भाजपा नेताओं को दी गई, वो पिछले विधानसभा उपचुनाव से ही काफी चर्चा में है। विधानसभा उपचुनावों में उम्मीदवार के फार्म भरने के समय दो स्थानों पर वसुंधरा राजे की फोटो गायब थी, जिसकी काफी चर्चा हुई थी। इसके बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर के होर्डिंग में से वसुंधरा राजे की फोटो हट गई थी। हाल ही में भूपेन्द्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा हुई तो यह पोस्टर वार खत्म करने की कोशिश की गई और वसुंधरा राजे की फोटो फिर से पोस्टरों में दिखाई दी। इसको लेकर भी काफी चर्चा हुई थी।
– राजस्थान से राजूचारण