रायबरेली में महिला थाने से मुंशीगंज चौकी की इंचार्ज बनाई गईं उमा अग्रवाल पर पारिवारिक विवाद एक मामले के निस्तारण के लिए घूस लेने के आरोप लगे हैं। रुपये लेते उनका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
रायबरेली- घूसखोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार भले ही गंभीर है, लेकिन सरकारी विभागों में इसका खास असर नहीं दिख रहा। आलम यह है कि जिस विभाग को कानूनी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी मिली है, उसी के कर्मचारी खुद ही रिश्वतखोरी में लिप्त हैं। ताजा मामला महिला दारोगा से जुड़ा है। रुपये लेते वीडियो गुरुवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से दारोगा को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच भी शुरू करा दी है। हाल ही में महिला थाने से मुंशीगंज चौकी की इंचार्ज बनाई गईं उमा अग्रवाल पर पारिवारिक विवाद एक मामले के निस्तारण के लिए घूस लेने के आरोप लगे हैं। रुपये लेते उनका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि जब वे महिला थानाध्यक्ष थीं, ये वीडियो तभी का है।
थाने पर फहराया था उल्टा तिरंगा- 15 अगस्त को थाने में उल्टा तिरंग फहराए जाने के बाद वह चर्चा में आ गई थीं। इसके बाद उन्हें थानाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उमा के मुंशीगंज जाने के बाद से ही उनके घूस लेने का प्रकरण पुलिस अफसरों के संज्ञान में आ गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारी भी हरकत में आ गए। एसआइ उमा सलाेन की सूची चौकी में भी तैनात थीं। वहां मिट्टी खनन को लेकर उनकी विधायक रहे दल बहादुर कोरी से काफी नोकझोंक हो गई थी, जिसके बाद कप्तान ने उन्हें निलंबित कर दिया था। एक बार फिर रुपये लेते वह वीडियो में कैद हो गई हैं। इससे खाकी की काफी किरकिरी हो रही है।
पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि वीडियो वायरल होने पर एसआइ उमा अग्रवाल को लाइन हाजिर कर दिया है। इस प्रकरण की जांच सीओ सिटी को दी गई है। एक सप्ताह के भीतर उन्हें रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जांच में दोषी मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।