आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने में सफाई कर्मचारियों का टोटा

*नगर परिषद में बाबूजी बनकर जमें कुर्सियों पर तो फिर साफ़ सफाई कौन करेगा शहर में

राजस्थान/बाड़मेर – नगर परिषद में पिछले लंबे समय से काफी संख्या में ऐसे सफाई कर्मचारी हैं, जो कि वेतन तो सफाई कार्य करने का उठा रहे हैं और काम संभाल रहे कुर्सियों पर बैठकर बाबूगिरी का। इससे जहां शहरी क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों की कमी बनी हुई है तो कहीं पर काम बाधित होता है। अब हमेशा की तरह एक बार फिर नया आदेश आया है कि सफाई कर्मचारियों को अपने मूल पद अनुसार सम्बंधित क्षेत्र में सफाई कार्य ही करना होगा। सफाई के बजाय अन्य कार्यालयों में कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों का मासिक वेतन रोका जा सकता है। इस संबंध में डीएलबी निदेशक ने आदेश जारी किए हैं। नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिकाओं में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं जो अपने मूल पद का कार्य नहीं कर अन्य कार्य कर रहे हैं। लंबे समय से डीएलबी स्तर पर ऐसे कर्मचारियों की शिकायतें पहुंच रही है। डीएलबी ने अब ऐसे कर्मचारियों का मासिक वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं।

नगर निगम, परिषद, पालिकाओं में कार्यरत कई सफाई कर्मचारी अपने मूल पद के कार्य से इतर सहायक कर्मचारी से प्रभारी बनकर कार्य कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि निगमों, परिषद कार्यालय, पालिकाओं के विभिन्न अनुभागों में सहायक कर्मचारी के रूप में सफाई कर्मचारियों को ही लगा रखा है। वहीं कई कर्मचारी लिपिकीय कार्य में सहयोग कर रहे हैं। घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था के तहत डंपिंग यार्ड में कचरा देखरेख में कई सफाई कर्मचारियों को लगा रखा है। बागवान, खलासी के पदों पर भी सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं। कई कार्यों में प्रभारी की जिम्मेदारी भी सफाई कर्मचारियों को दे रखी है।

हर बार आदेश, लेकिन पालना आज तक नहीं हुई
सफाई कर्मचारियों से उनके मूल पद पर अनुसार सफाई कार्य करवाने को लेकर डीएलबी इससे पहले कई बार आदेश जारी कर चुका है। हर बार डीएलबी के आदेश महज फाइल ही हुए हैं, उन पर निगम स्तर पर पालना सुनिश्चित नहीं की जा रही है। कर्मचारी संगठन भी कई बार निगम स्तर से लेकर डीएलबी तक यह मांग उठा चुके हैं। नगर परिषद के अधिकारी आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। डीएलबी निदेशक दीपक नंदी की ओर से जारी किए गए आदेश में यह बात कही गई है कि निकाय सफाई कर्मचारियों से उनके मूल पद अनुसार कार्य करवाने के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे है।

सफाई कर्मचारियों से उनके मूल पद के अनुसार कार्य लिए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं। निगम, नगर परिषद कार्यालय, पालिकाओं के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। राजस्थान सफाई मजदूर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष घई के अनुसार कई बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं। डीएलबी को भी इस संबंध में सूचित किया गया है। निगम अधिकारी डीएलबी के आदेशों की पूर्ण पालना नहीं करा रहे हैं।

इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी देते हुए नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनिया ने बताया कि हमारे यहां पर इस तरह के कोई सफाई कर्मचारी नहीं है,बाद में बताया कि बाड़मेर नगर परिषद के ग्यारह जौन में लगभग तीन सौ ग्यारह सफाई कर्मचारियों में से कुछ सफाई कर्मचारी नगरपरिषद में आफिस की साफ-सफाई करने के दौरान ही टेबल वर्क में सहयोग करते हैं,डी एल बी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में बताया है कि इस तरह का आदेश जारी हुआ है और हमारे विभाग में तैनात सभी कर्मचारियों की सूची तैयार करने के साथ ही इस सम्बन्ध में स्वायत शासन विभाग जयपुर को सूचना देंगे।

– राजस्थान से राजूचारण

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