*पेपर लीक मामलों पर मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री की चुप्पी से संकेत स्पष्ट – सुरजेवाला
*सभी पेपर लीक मामलों की हाई कोर्ट के देखरेख में सीबीआई जांच हो
*सालों से भर्ती प्रक्रिया में लंबित सरकारी नौकरी के हज़ारों खाली पद भरे जाएं
*सुरजेवाला ने सात सालों में युवाओं को दी नौकरियों पर मांगा श्वेत पत्र
चंडीगढ़- वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सभी पेपर लीक मामलों की हाई कोर्ट के देखरेख में सीबीआई जांच करवाने और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की है।
पेपर लीक मामलों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री को घेरते हुए सुरजेवाला ने कहा की मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री की चुप्पी से संकेत स्पष्ट है और उससे असली सफेदपोश दोषियों को सरकार के मूक समर्थन की बू आ रही है। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में नकल माफिया हावी है और मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते, उन्हें स्पष्टीकरण देना ही होगा। प्रदेश में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट), क्लर्क, एक्साइज इंस्पेक्टर, एचसीएस ज्यूडिशियल, कंडक्टर, पटवारी, नायब तहसीलदार, आईटीआई इंस्पेक्टर, बिजली बोर्ड और ग्राम सचिव की भर्ती परीक्षा जैसे दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, लेकिन निर्लज्ज सरकार ऐसे व्यवहार कर रही है, मानो कुछ न हुआ हो। उन्होंने कहा कि हर महीने एक नया पेपर लीक मामला सामने आने से युवाओं का इस प्रदेश सरकार से भरोसा ख़त्म हो चूका है और उन्हें समझ नहीं आ रहा की वो अब क्या करें।
पेपर लीक होने के मामले को लगातार उठाने वाले सुरजेवाला ने कहा की प्रदेश में पारदर्शी भर्ती का दावों की पोल खुल चुकी है। लाखों छात्र लंबे अरसे से अपने सपनों को साकार करने के लिए परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। आठ लाख युवाओं ने तो हरियाणा पुलिस कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन व तैयारी की थी, लेकिन सरकार के निकम्मेपन के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर गया, उनका समय व पैसा दोनों बर्बाद हो गए और अब उन्हें अपना भविष्य धूमिल नजर आ रहा है।
सालों से भर्ती प्रक्रिया में लंबित सरकारी नौकरी के हज़ारों खाली पद भरे जाने की मांग करते हुए सुरजेवाला ने कहा की प्रदेश सरकार को नौकरियों पर श्वेत पत्र जारी कर यह बताना चाहिए कि विभागवार कितने कर्मचारियों की भर्ती पिछले सात वर्ष में हुई। मुख्यमंत्री यह भी विभागवार ब्यौरा दें कि कितने लाख पद रिक्त पड़े हैं व अगले कितने दिनों में भाजपा-जजपा सरकार उन पदों को भरकर युवाओं को रोजगार देगी।
सुरजेवाला ने कहा की इतने महत्वपूर्ण पेपर होने से एक दिन पहले पेपर के लीक होने और दो अलग-अलग सत्रों की सभी सीरीज के उत्तर उपलब्ध होने से स्पष्ट है कि दोषियों के तार ऊंची पहुंच वाले व्यक्ति से सीधे जुड़े हुए थे, जहाँ से उन्हें पेपर के बारे में वो अति गोपनीय सूचनाएँ थी, जो संभवत आयोग के चेयरमैन-सेक्रेटरी या सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों के पास ही हो सकती हैं।
सुरजेवाला ने कहा की समय की मांग है की सफेदपोश दोषियों को दबोचना होगा, क्योंकि इतना बड़ा घोटाला बिना ऊंची पहुँच के असंभव है। युवा पूछ रहे हैं की खट्टर सरकार ने पहले हाईकोर्ट के देखरेख में सीबीआई जांच को क्यों टाला ? वे पूछ रहे हैं की असली दोषियों को जांच से क्यों बचा रहे हैं और अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं की हरियाणा में बार-बार पेपर लीक हो रहे हैं? उत्तर साफ़ है की सरकार ने पेपर माफिया को काबू करने में कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई, दोषियों को सजा देने के प्रयास नहीं किये, जिसका साफ़ संशय हो रहा है कि दोषियों को ‘ऊपर’ से संरक्षण प्राप्त है।