बरेली। प्रदेश भर मे डेल्टा वैरिएंट की दस्तक के बावजूद बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर लापरवाही बरती जा रही है। यहां से सिर्फ 70 किमी दूरी पर उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में डेल्टा वैरिएंट का मरीज मिलने की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य परीक्षण की आवश्यकता ज्यादा महसूस होने लगी है, क्योकि बरेली में उत्तराखंड और राजधानी लखनऊ से आने वालों की संख्या अधिक है। जिन राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिले हैं, वहां से आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच की जानी है। संक्रमित मिलने पर उनकी जीनोम सिक्वेसिग की जाएगी। बरेली में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर से भारी पड़ सकती है। जंक्शन के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहले आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग के साथ ही जांच भी की जा रही थी। वर्तमान में यहां आने वाले किसी भी यात्री की जांच व स्क्रीनिग नहीं की जा रही है। कोरोना की पहली लहर में प्रवासी ही बरेली के लिए मुसीबत बने थे। जब तक दूसरे राज्यों से लोग नहीं आ रहे थे, तब तक मरीजों की संख्या कम थी। जैसे ही मुंबई और दिल्ली से लोग आने लगे, बरेली में संक्रमितों की संख्या बढ़ गई। डेल्टा प्लस पर स्वास्थ्य विभाग का रवैया शिथिल रहा तो खतरा बढ़ सकता है।रेलवे स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। किसी भी ट्रेन में बिना आरक्षण सफर की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके ट्रेनें भरकर आ रही हैं। स्लीपर कोचों में यात्री जमीन पर बैठकर सफर कर रहे हैं। लालगढ़ से डिब्रूगढ़ जाने वाली 05910 अवध-असम, किसान व बाघ एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है। शुक्रवार को जंक्शन पर इस ट्रेन के स्लीपर कोच में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। लोग जमीन पर बैठकर सफर करते दिखाई दिए।।
बरेली से कपिल यादव