बरेली। बारिश के कारण हरी सब्जियां खेतो से कम निकलने के कारण सोमवार को एलन क्लब सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक रोज से बहुत कम रही। वहीं मौसम साफ होने से सब्जियों की बिक्री ज्यादा हुई। इसकी वजह से हरी सब्जियों के थोक रेट भी चढ़ गये हैं। हरी सब्जियो की कीमते और चढने के आसान है। इससे फुटकर दामों में भी तेजी आ गयी है। दो-तीन दिनों की बारिश से खेतों में हरी सब्जियां ज्यादा नहीं निकली। जिससे सोमवार को मंडी में सब्जियों की आवक कम रही। मौसम साफ हो जाने से फुटकर दुकानदारों ओर ग्राहकों द्वारा सब्जियों की खरीद अधिक करने से रेट चढ़ गये। गोला बैगन का दाम 17-18 रूपये से बढ़कर 20-22 रूपये किलो हो गया। लौकी 20 रूपये किलो से बढ़कर 30- 40 रूपये किलो हो गई। भिंडी, करेला का दाम भी 20 रूपये से 27-30 रूपये हो गया। कद्दू 15 रूपये किलो से बढ़कर 20, परवल 40 रूपये से बढ़कर 50 रूपये, कटहल 30 रूपये किलो से बढ़कर 35 रूपये हो गया है। उधर बारिश का सीजन शुरू होते ही सब्जियों की कीमत बढऩे लगी है, ऐसे में कोरोना के साथ महंगाई की मार ने आम आदमी को बेहाल कर दिया है। महंगाई ने आम इंसान की कमर तोड़ दी है। कुछ दिनों पहले तक लॉकडाउन में जो साग सब्जियां बेहद सस्ते मूल्य में बाजारों में उपलब्ध थी, अब उनकी कीमते काफी बढ़ गई है। सस्ती और सुलभ खाद्य सामग्री और सब्जियां हर इंसान की जरूरत है, लेकिन इन दिनों सभी लोग महंगाई की मार से परेशान हैं। सीजनल सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। हालांकि अभी कुछ दिनों पहले तक लॉकडाउन के दौरान सब्जियो की कीमत स्थिर थी लेकिन अब सब्जियों के भाव तेजी से बढने लगे है। सब्जी कारोबारी मुन्नालाल का कहना है कि जैसे-जैसे बरसात का सीजन आएगा लोकल में सब्जियां नहीं रहेंगी। वही जब सब्जियां बाहर से आएंगी तो कीमतों में उछाल तो आएगा ही।।
बरेली से कपिल यादव