बरेली। कोरोना कर्फ्यू में जहां आम आदमी के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था वहीं जिन छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद है, उनके सामने खाने पीने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। बड़े दुकानदारों के यहां काम कर परिवार की आजीविका चलाने वाले लोगों को दुकानें बंद होने के कारण दुकानदारों ने हटा दिया था, अब शहर अनलॉक मे बाजार तो खुल गए मगर दुकानों पर काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के आगे अभी भी आर्थिक संकट है। पहले उन्हें महीने के हिसाब से पगार मिलती थी। मगर अब उन्हें दिहाड़ी के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। दुकाने सप्ताह में पांच दिन खुलेंगी तो पांच ही दिन का भुगतान किया जाएगा जबकि इससे पहले साप्ताहिक बंदी को छोड़कर छह दिन दुकानें खोली जाती थी मगर वेतन उन्हें पूरा मिलता था। इस हिसाब से सप्ताह में पांच नहीं सातों दिन का भुगतान मिल जाता था। अब दिहाड़ी के चलते ऐसे लोगों को पूरे महीने मे तीन सप्ताह का भी पूरा वेतन नही मिल पा रहा है। ऐसे लोगों को दो समय की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। साथ ही पुराना कर्ज भी सिर पर चढ़ा हुआ है।।
बरेली से कपिल यादव