बरेली। कोरोना काल को देखते हुए नगर निगम ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने में रोक लगा दी है। वही मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में भी सक्रियता नही बरती जा रही है। संक्रमण की दूसरी लहर ने विकराल रूप धारण किया था। जिससे अप्रैल के अंत और मई की शुरूआत में मौत का सैलाब टूट पड़ा था। श्मशान और कब्रिस्तान में लाशों की अन्त्येष्टि के लिए जगह कम पडने लगी थी। हर दिन मौतों का आंकड़ा बदलता जा रहा था। मुख्यत: सिटी, संजयनगर और गुलाबबाड़ी श्मशान में हर दिन 120-150 शव पहुंच रहे थे। इसके बाद भी नगर निगम के रिकार्ड मे जनवरी महीना जो कि सामान्य था। उसमे 967 मृतकों के प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। जबकि भीषण संक्रमण यानी मई मे नगर निगम ने मात्र 700 लोगों के ही प्रमाण पत्र जारी किए है। ऐसे में माना जा रहा है कि सामान्य दिनों के मुकाबले कोरोना काल में मृत्यु प्रमाण पत्रों की संख्या बढने के बजाए कम कर दी गई है। नगर निगम में जमीनी हकीकत से दूर हो गया है कोरोना काल मे मरने वालों का मौत का आंकड़ा। जनवरी के आंकड़ोंं पर यदि गौर करें तो सामान्य दिनों में नगर निगम ने जनवरी महीने में 967 मृतकों के प्रमाण पत्र जारी किये थे। वहीं फरवरी में 871 और मार्च में आंकड़ा कम होने के बाद अप्रैल मे 1034 मृतकों के प्रमाण पत्र ही जारी किए गए थे। जबकि मई की विकराल लहर के बीच नगर निगम ने सिर्फ 700 लोगों को ही प्रमाण पत्र जारी किए है। नगर निगम अफसरों का कहना है की ऑनलाइन आवेदन करने वालों के प्रमाण पत्र बनाए जा चुके है। जिला अस्पताल या 300 बेड कोविड अस्पताल में मरने वालों के वही से प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दे दी जाती है। ऑनलाइन आवेदन जो वेबसाइट पर शो करते है। उनके प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते है। नगर निगम ने जनवरी में 967, फरवरी मे 871, मार्च में 728, अप्रैल में 1034, मई में 700 के प्रमाण पत्र जारी किए है।।
बरेली से कपिल यादव