पूरनपुर। पूरनपुर ऑल इंडियन प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन के तहसील पूरनपुर व तहसील कलीनगर इकाई के अध्यक्ष शादाब अली व संगठन मंत्री शोएब अहमद उर्फ फूलबाबू के विरुद्ध विकास खंड पूरनपुर जिला पीलीभीत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गहलुईया के नवनिर्वाचित प्रधान मो0 इमरान खां पुत्र हाफिज सितारूद्दीन खां द्वारा षड्यंत्र के अंतर्गत कोतवाली पूरनपुर में मुकदमा अपराध संख्या- 0300 दिनांक- 19 मई 2021 धारा 153 ए, 504, 384, 120-बी, 506 दर्ज कराया गया है जो कि नितांत फर्जी मनघडंत व निंदनीय कृत्य है। शादाब अली व शोएब अहमद उर्फ फूलबाबू बरेली से प्रकाशित सम्मानित समाचार पत्र दैनिक आज में सेवारत हैं और इनके द्वारा उक्त प्रधान द्वारा चुनाव जीतने के बाद गौकशी कर समर्थकों व ग्रामीणों की दावत किये जाने संबंधित समाचार शीर्षक- (चुनाव जीतने की खुशी में समर्थकों व ग्रामीणों को दावत में प्रधान ने खिलाया गौवंशीय पशु का मांस) गत 17 मई को अपने समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था जिस के संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक से वर्जन भी लिया गया था। इस प्रकाशित समाचार से उक्त ग्राम प्रधान व उसके सहयोगी क्षुब्ध थे और पत्रकार को लगातार अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे थे। यह समाचार अन्य कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों व मीडिया पोर्टल पर भी प्रकाशित हुआ था और पूरा प्रकरण पुलिस प्रशासन के संज्ञान में था। इसके बावजूद भी पत्रकार शादाब अली व शोएब अहमद उर्फ फलबाबू के विरुद्ध कोतवाली पुलिस ने निराधार, मनगढ़ंत व बदले की भावना दी गयी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया, जिससे पत्रकार संगठन ऐपजा पदाधिकारियों व सदस्यों सहित साथी पत्रकारों में काफी रोष है। ऐपजा संगठन सहित अन्य पत्रकार साथी इस आशय से यह ज्ञापन आपको सौंप हैं कि उक्त मामले में मुकदमे में अंकित किए गए शादाब अली व फूलबाबू के नाम निकालकर मुकदमे को निरस्त करने के साथ उक्त धमकाने, गौकशी करने सहित षड्यंत्र रच मानहानि की नीयत से फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले आरोपियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित कराए जाने कराने की मांग की है। साथ ही शासन के निर्देशो को दरकिनार कर मजिस्ट्रेट जांच के बिना ही पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी/उपनिरीक्षक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई कर संबंधित अधिकारी/उपनिरीक्षक को निलंबित किया जाये अथवा किसी अन्य स्थान के लिए स्थानांतरण किया जाए। अन्यथा की स्थिति में पत्रकार संगठन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। साथ ही ज्ञात हो कि इस दौरान पत्रकार शादाब अली व फूलबाबू के साथ कोई भी आप्राकृतिक घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदारी उक्त आरोपियों सहित स्थानीय पुलिस व प्रशासन की होगी। आखिर कब तक इस योगी सरकार में पत्रकारों पर अत्याचार होते रहेंगे और साथ में गौ रक्षा करने के नाम पर ढोंग करने वाले तमाम दल और पार्टी अब कहां गई कोई खड़ा दिखाई दे रहा है आज निष्पक्ष पत्रकारों के साथ जिन्होंने गोकशी की खबर को प्रकाशित किया था। आखिर क्यों हिंदुत्व के नाम पर ढोग करते दिखाई देते हैं कहां गए गौ रक्षा के संगठन के महासचिव, जिला अध्यक्ष, अध्यक्ष, सचिव, मीडिया प्रभारी सब के सब घरों में मौन धारण किए हुए बैठे हैं अगर हिंदुत्व और देश के प्रति या जीवो के प्रति हमदर्दी दिखाना है तो अब सामने क्यों निकल कर नहीं आते कब तक इस तरीके का नाटक करके गुमराह करते रहेंगे लोगों को यह देश के झूठे दल और संगठन और क्यों यूपी पुलिस के इस मनमाने रवैए के प्रति आवाज नहीं उठाते दिखाई दे रहे हैं।
निष्पक्ष पत्रकारों की आवाज दबाने में लगी यूपी पुलिस : हारून खान
