बरेली। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर रोडवेज के अधिकारी बराबर दावा कर रहे हैं। चाहे वह बस स्टेशन हों या फिर बसों के भीतर। पर हकीकत इससे उलट है। पुराने बस अड्डाे पर यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है। कहने को तो बस स्टेशन पर ऑटोमैटिक सेंसरयुक्त मशीने लगी हैं, लेकिन अगर हैंडवाश के लिए यात्री हाथ बढ़ाता है तो वे महज शोपीस नजर आती है। यात्री की सुरक्षा के लिए बस स्टेशन परिसर के अंदर प्रवेश करते ही यात्री ऑटोमैटिक सेंसरयुक्त सैनिटाइजर मशीनों से गुजरते है, लेकिन यहॉ पर रोडवेज अफसरों द्वारा किए गये जरूरी सुरक्षा उपायों के दावे हवा हवाई नजर आते है। यहॉ सेंसरयुक्त तीन सैनिटाइजर मशीने लगी है, लेकिन एक भी मशीन से सैनिटाइजर का घोल नहीं निकलता है। ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत नहीे की गई। स्टेशन इंचार्ज का कहना है कि पिछले 15 दिनों से मशीने खराब पड़ी है। एक आध बार चली और फिर बंद हो गई। ऐसे में हैंड सैनिटाइजेशन कैसे होगा। यात्री ओमप्रकाश ने बताया कि कोरोना काल में इन मशीनों को दुरूस्त होना चाहिए, लेकिन तीनों में किसी से भी घोल नही निकल रहा है। ऐसा लगता है कि यह मशीनें मात्र शोपीस के लगा रखी है। यात्री राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि रोडवेज परिसर के कोविड हेल्प डेस्क में थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कोई भी कर्मचारी नही है। सुरक्षा के लिए लगाये गये सभी इंतजाम हवा-हवाई साबित हो रहे है। बरेली परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि यात्रियों ने इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया। इससे मशीन के सेंसर खराब हो गये है। कंपनी को लिखा गया है। एक दो दिन में यह ठीक हो जायेंगी।।
बरेली से कपिल यादव