फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने को तीन दिन तक लगाए गए लॉकडाउन के पहले दिन शनिवार को शहर से लेकर देहात की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बाजार बंद होने के साथ ही गली-मोहल्लों के किराना स्टोर बंद रहे। महामारी से निजात पाने की चाह में लोग खुद भी घरों से नहीं निकले। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी भीड़ नहीं दिखी। बसों में गिनी-चुनी सवारियों के मास्क से ढके चेहरे कोरोना का खौफ साफ बयां कर रहे थे। शहर से लेकर देहात में सिर्फ अस्पताल, पेट्रोल पंप और दवा की दुकानें खुली रहीं। यहां भी लोगों की संख्या नाममात्र रही। इधर, लॉकडाउन का पालन कराने को पुलिस की गाड़ियां सड़कों पर गश्त करती रहीं। इस दौरान बगैर जरूरी काम के घर से निकले लोगों को पुलिस ने डांट फटकार लौटा दिया। मोहल्लों में भी लॉकडाउन का अच्छा-खासा असर दिखाई दिया। हालांकि कहीं-कहीं बच्चे गलियों में खेलते दिखे। घनी आबादी वाले इलाकों में कुछ चहल-पहल भी रही लेकिन लोग मुख्य सड़कों पर निकलकर आने से बचते रहे। इसके अलावा फतेहगंज पश्चिमी में भी लोग सड़कों पर भी नजर आए। घर से निकलने वाले लोगों की सड़कों पर भीड़ देखी गई क्योंकि रविवार को मतगणना शुरु होनी है इसी को लेकर जानकी देवी इंटर कॉलेज में देहात के लोग एजेंट बनने के लिए सड़कों पर नजर आए। रेलवे जंक्शन पर शनिवार को सन्नाटा पसरा था। प्लेटफार्म पर बैठे कुछ लोग अपने संबंधियों का आने का इंतजार कर रहे थे। प्लेटफार्म पर कुछ यात्री ट्रेन का इंतजार करते दिखे। सुबह से शाम तक जंक्शन पर कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। हालांकि कोविड संक्रमण से बचाव को यहां पर्याप्त इंतजाम किए गये थे। पुराने रोडवेज स्टैंड के प्लेटफार्म पर सिर्फ दो-चार सवारियां ही दिखीं। कुछ लोग परिवहन निगम के स्टाफ के थे। अपने-अपने प्लेटफार्म पर बसों की कतार लगी थी लेकिन इक्का-दुक्का बस में एकाध को छोड़कर किसी में भी सवारियां नहीं थी। बस अड्डे पर पुलिस भी तैनात नहीं दिखी। शहर की प्रमुख सड़कों पर पूरे दिन सन्नाटा छाया रहा। घंटों के अंतराल में बमुश्किल कहीं एकाध व्यक्ति आता-जाता दिख रहा था। किला साहूकारा क्रॉसिंग, नावल्टी चौराहा, जिला अस्पताल रोड, कंपनी बाग तिराहा, इंद्रा मार्केट, जिला अस्पताल रोड, बड़ा बाजार, मनिहारों वाली गली, आलमगिरीगंज, श्यामगंज जैसे भीड़भाड़ से भरी रहने वाली सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दिया।।
बरेली से कपिल यादव