उत्तराखंड/सतपुली- पहाड़ी इलाकों सड़कों पर जल संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में हैंडपंप लगाए गए हैं जिनका फायदा अधिकतर होटल वाले या फिर कोई विजनेस मैन या प्रभावशाली लोग कर रहे हैं।
विगत वर्ष में ज़हरीखाल में एक एनजीओ द्वारा एक हैंडपंप पर मोटर लगाकर उसे जनता के लिये बंद कर दिया गया था उक्त मामले में धरना प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद एनजीओ द्वारा मोटर हटा दी गई थी ये एनजीओ डॉक्टर हरक सिंह रावत के बहू अनुकीर्ति गुसाईं रावत का है।
विगत कुछ वर्षों पहले द्वारीखाल ब्लॉक के भल्ली सैण गांव में सतपुली बंघाट रोड पर एक हैंडपंप लगा था जिस पर अब सतपुली के hp गैस एजेंसी के मालिक मंजू रावत द्वारा मोटर लगाकर निजी उपयोग किया जा रहा व इस हैंडपंप के बोरिंग पाइप भी धरती से निकाल दिये गए हैं।
अब सवाल खड़ा होता है कि बिना परमिशन के मोटर कैसे फिट कर दी गई व बिना परमिशन के कैसे सरकारी संपत्ति को निजी उपयोग के लिए गैस ऐजेन्सी की मालिक द्वारा तोड़ फोड़ लिया गया।
मंजू रावत (जिनके द्वारा बिना परमिशन के सरकारी हैंडपंप पर मोटर लगाई गई है)का कहना है कि उन्होंने विभाग से परमिशन ले रखी है।जबकि मंजू रावत के पति का कहना उनके द्वारा विभाग को सूचित किया गया है व मोटर लगाने की परमिशन के लिए पत्र दिया गया है।
जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि केवल आंगनबाड़ी, स्कूल आदि के लिए दी जाती है हैंडपंप पर मोटर लगाने की परमिशन ।किसी के निजी उपयोग के लिए कोई भी परमिशन नही दी जाती है उक्त मामला अभी संज्ञान में आया है मौके पर जाकर उचित कार्यवाही की जाएगी।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि ज़हरीखाल ब्लॉक के सिसलडी से आगे एक होटल मालिक द्वारा व गुमखाल से कोटद्वार पर भी कई ढाबे व होटल मालिकों के द्वारा सरकारी हैंडपंप पर मोटर लगाकर उनको पब्लिक के लिए बन्द कर दिया गया है।
आपको बता दें कि पहाड़ो में बोरिंग की परमिशन नही है परन्तु कई जगहों पर बोरिंग भी की गई है।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल