बरेली/ फतेहगंज पश्चिमी। अगर आप बीमार है या कोविड के शिकार और उपचार के लिए राज श्री अस्पताल जा रहे तो सीधे मौत को दावत दे रहे है। क्योंकि यहां उपचार के नाम पर न ही पर्याप्त मात्रा मे दवा है और न ही कोई इंतजाम। ऐसे में यहां रोगियों का उपचार का काम कम और मौत को दावत देना ज्यादा है। अस्पताल की इस लचर व्यवस्था का खामियाजा कई बार गंभीर रूप से ग्रसित व कोविड के मरीजों को भुगतना पड़ता है। बावजूद अस्पताल प्रबंधन को इससे कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में अगर यहां उपचार कराना है तो सुविधा शुल्क देना होगा तभी जान बच सकती है। फतेहगंज पश्चिमी स्थित राजश्री अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। ऐसे ही कुछ मामले सामने आए है। तीमारदारों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल मे अव्यवस्था का बोलबाला है। यहां भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही की जा रही है। मरीज के हालत के बारे में परिजनों को भी कोई सूचना नही दी जाती है। मृतक राकेश बाबू के भाई ने हास्पिटल में तैनात डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि उनके भाई को निमोनिया की शिकायत थी जिससे अस्पताल में भर्ती कराया। भर्ती कराने के बाद कोविड की जांच हुई जिसमे डॉक्टरों ने कोरोना पॉजिटिव बताया। फिर ऑक्सीजन व जांच के नाम पर रुपए लेकर मरीज को ऑक्सीजन भी नहीं लगाई जा रही है। वही मरीजों की जानकारी करने पर कोई सूचना नहीं दी जा रही है। इलाज के अभाव मे भाई राकेश की मौत हो गई। वही सत्यपाल ने बताया कि उनके मरीज को बुखार व सांस लेने में दिक्कत थी। उन्हें पहले बरेली भेजा गया। वहां से रेफर होकर फिर से राजश्री कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनसे 27 सौ रुपये भी लिए गए। लेकिन उन्हें भी जांच रिपोर्ट व कोई जानकारी नही दी गई और उनके भी मरीज की मौत हो गई। एक तीमारदार ने भी बताया कि उनके पिता की भी अस्पताल मे लापरवाही की वजह से मौत हो गई। आरोप लगाया कि मरीजों तक खाना पहुंचाने के वार्ड बॉय सुविधा शुल्क ले रहे है। सुविधा शुल्क लेने के बाद भी मरीजों तक खाना नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में यहां हो रही लगातार मौतो से लोग दहशत मे है।।
बरेली से कपिल यादव