चुनाव जीतने के लिए सुबह गुड मार्निंग तो रात को गुड नाइट बोल रहे हैं प्रत्याशी, सोशल मीडिया बना हथियार

बरेली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे वैसे उम्मीदवारों ने दिन रात एक करके कुर्सी पाने के लिए प्रचार प्रसार भी तेज कर दिया है। जिले के सभी ब्लाको के कुछ गांवों मे इन दिनों युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के व्हाट्सएप पर गुड मॉर्निंग के संदेश गिर रहे, तो रात को शुभ रात्रि या गुड नाइट (जो वोटर जितना पढ़ा लिखा उसके अनुसार) से अभिवादन हो रहा है। शहर के साथ-साथ अब गांवों तक भी हर हाथ में स्मार्ट फोन पहुंचने से पंचायतों के चुनाव प्रचार-प्रसार का भी तरीका बदल गया है। पिछले चुनावों तक जहां बैनर-पोस्टर और पंपलेट प्रचार का जरिया हुआ करते थे, वहीं अब सोशल मीडिया प्रचार का माध्यम बन गया है। गांव की राजनीति मे भाजपा और सपा के बड़े बड़े महारथी कुर्सी पाने के लिए रूठे हुए वोटरों को मनाने के लिए जुट गए है। समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में घर घर वोट मांगने के लिए पदाधिकारी कार्यकर्ता वोटरों के घरों में जाकर वोट मांगते देखे जा रहे है। कोई पुराने रिश्ते निकाल रहा है तो कोई विकास के वास्ते वोटरों को रिझाने का काम कर रहा है। ग्राम प्रधान हो या क्षेत्र पंचायत सदस्य या फिर जिला पंचायत सदस्य प्रमुख पदों के लिए उम्मीदवारों के अलावा समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में भाजपा और सपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी गांव की राजनीति में अपना दखल देना शुरू कर दिया है। कुर्सी पाने के लिए उम्मीदवारों की रात की नींद और दिन का चैन हराम हो गया है। दिन रात वोटरों के बीच में जाकर कुर्सी के लिए प्रचार प्रसार में जुट गए है। गांवों में रहने वाले युवा परिवार चलाने केलिए दिल्ली, पंजाब ,गाजियाबाद, गुडग़ांव आदि स्थनोंं पर रहकर नौकरी कर रहे लोगों को उम्मीदवार फोन करके 15 अप्रैल को होने वाले मतदान में वोट देने के लिए दवाब बनाते नजर आ रहे है। वोटरों से उनके परिवार के खर्च का भी दिलासा दिया जा रहा है। गांवों मे दावत का दौर लगातार चल रहा है। कहीं प्रधान पद के दावेदार खुद पहल कर रहे तो कहीं वोटर ही उन्हें प्रेरित कर रहे। कुछ गांवों में तो पहले से ही अलग-अलग दावेदारों की तरफ से मीट-मुर्गे और शराब की दावते चल रही है।।

बरेली से कपिल यादव

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