होली के आगमन का प्रतीक है फुलेरा दूज, कृष्ण ने खेली थी राधा संग फूलों की होली

बरेली। यह माह फाल्गुन मास का चल रहा है। इस मास को सबसे शुभ माना जाता है और इस माह का सबसे शुभ दिन फुलेरा दूज को माना गया है। इस बार फुलेरा दूज सोमवार को मनायी जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का हर पल अत्यंत शुभ होता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और माता राधा ने इसी दिन फूलों की होली खेली थी। ये फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी। इसे रंगों का त्योहार भी कहते है। यह पर्व राधा और कृष्ण जी के मिलन के दिन के रूप मे भी मनाया जाता है। इसलिए इस तिथि पर विवाह करने पर दांपत्य जीवन में अपार स्नेह और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस पर्व को अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। फुलेरा का शाब्दिक का अर्थ है फूल जो फूलों को दर्शाता है और द्वितीय तिथि होने कारण दूज। इसलिए इस पर्व को फुलेरा दूज कहते है। सर्दी के मौसम के बाद इसे सर्दी के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है। द्वितीया तिथि इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगी और शुक्ल योग प्रातः 7:44 बजे तक रहेगा। इसके उपरांत ब्रह्म योग व्याप्त होगा। यह दोनों योग ही बेहद सकारात्मक ऊर्जा के कारक माने जाते हैं। इन योग में किया गया कोई भी कार्य अनंत मंगलकारी होता है, लेकिन इस बार 14 अप्रैल को धनु राशि में सूर्य प्रवेश करेगे और एक महीने तक इसी राशि में विचरण करेंगे। इस समय अवधि को खरमास कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार खरमास में विवाह आदि सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसलिए इस बार किसी भी पंचांग में विवाह का मुहूर्त नहीं दिया गया है, लेकिन फिर भी लोक मान्यता के अनुसार इस दिन वैवाहिक कार्यक्रम भारी संख्या में संपन्न होंगे। फाल्गुन द्वितीया 15 मार्च 2021 को शाम 06:49 मिनट पर समाप्त होगी।।

बरेली से कपिल यादव

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