बंगाल चुनाव चर्चा में : घायल शेरनी की तरह राजनीतिक हमलों का जवाब दे रही है ममता बनर्जी

*भाजपा के दिग्गजों की घेराबंदी के बावजूद कमजोर नहीं

*साधारण जीवन व सादगी की वजह से बंगाल के लोग उन्हें पसंद करते हैं, वे मौके पर जाकर लोगों का दुख दर्द सुनती हैं

राजस्थान- देश में चारों ओर पश्चिम बंगाल चुनाव के चर्चे हैं। 27 मार्च से शुरू होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैट्रिक लगाने को बेताब नजर आ रही है। इस बार बीजेपी ममता बनर्जी के हाथ धोकर पीछे पड़ी है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के दिग्गज नेताओं की घेराबंदी के बावजूद ममता बनर्जी कहीं कमजोर दिखाई नहीं दे रही। वह अकेली बराबर की टक्कर ले रही है। भाजपा की इस बार बंगाल जीतने की जिद व ममता बनर्जी की निडरता ने इस चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। इसलिए सबकी निगाह पश्चिम बंगाल के चुनाव पर टिकी है। चुनाव तो पहले भी होते आये हैं लेकिन इस बार चुनाव में कुछ अलग बात है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आम सभाएं कर चुके हैं। कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेताओं ने चुनाव की कमान संभाल रखी है। बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने के लिए हर प्रकार के दांव चल रहे हैं, मगर ममता बनर्जी घायल शेरनी की तरह राजनीतिक हमलों का जवाब दे रही है। उल्लेखनीय है कि 55 वर्षीय ममता बनर्जी पिछले दस सालों से बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई लड़ रही हैं। वकालात करने के बाद कांग्रेस से जुड़ी ममता बनर्जी ने मनमुटाव के बाद कांग्रेस छोड़कर 1998 में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी। ममता बनर्जी की लगन, मेहनत व जिद की वजह से टीएमसी बंगाल की मुख्य पार्टी बनी जिसकी वो मुखिया हैं। पिछले 10 साल से बंगाल की सत्ता पर टीएमसी की ही बादशाहत है लेकिन आज के समय में भी उनकी संपत्ति मात्र 16 लाख रूपय की है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को चाहने वालों की कमी नहीं है, बहुत कुछ ऐसा है जो उन्हें बाकि के राजनेताओं से अलग बनाता है। वो मौजूदा समय में भारत की इकलौती महिला मुख्यमंत्री है। वे मुख्यमंत्री से पहले 7 बार सांसद भी रह चुकी है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वह कभी भी सरकार की ओर से मिलने वाले सरकारी बंग्ले में नहीं रही। ममता बनर्जी हमेशा से अपने जर्जर हो चुके पुश्तैनी घर में रह रही है। ममता बनर्जी के पास न तो घर है और न ही गाड़ी। वहीं ममता बनर्जी मात्र एक सूती सफेद साड़ी पहनती है, और पैरों में हवाई चप्पल। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि एक सीएम के तौर पर ममता बनर्जी अपनी सैलरी भी नहीं लेती है। ममता बनर्जी की कमाई का जरिया उनकी पेंटिंग औऱ किताबें है। वो काफी बेहतरीन पेंटर है। उनकी कविताओं को बंगाल के लोग पसंद करते है। उन्हें जब भी मौका मिलता है वो खाना जरूर बनाती है। जमीन से जुड़े होने के कारण बंगाल की जनता उन्हें सबसे ज्यादा पसंद करती है। वह समस्या के समय खुद जनता के बीच जाकर उनके दुखों को सुनती है। उसका समाधान करने की कोशिश करती है। बताया जाता है कि जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थी तब एक बार देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनसे मिलने के लिए उनके पैतृक घर गए थे। वहां उन्होंने देश की रेल मंत्री का जो रूप देखा, उसे देखकर वो चौंक गए। उनकी सादगी की तारीफ खुद वाजपेई ने भी की थी। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में फिर से विधानसभा चुनावों में जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। हालांकि बीजेपी से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है लेकिन बावजूद इसके उनके प्रभाव को कम करना बीजेपी के लिए आसान नहीं है।

तिलक माथुर

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