पंचायत चुनाव: गांव से बाहर रहने वालों को याद कर रहे उम्मीदवार

बरेली। पंचायत चुनाव अप्रैल मे होने की पूरी संभावना है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है। उम्मीदवारों की धड़कनें भी तेज होती जा रही है। हर कोई जीत के प्रति अपनी गोटियां बैठाने के लिए आतुर है। गांव में रहने वाले जो लोग दूसरे जिले व राज्यों में रहकर मजदूरी व नौकरी कर रहे हैं। उम्मीदवार उनसे संपर्क करके ये कहते दिखाई दे रहे है कि चुनाव से पहले जरूर आ जाना, तुम्हारा वोट महत्वपूर्ण है। पंचायत चुनाव को लेकर गांव की राजनीति गहराती जा रही है। वोटरों को रिझाने के लिए सुबह को चाय पार्टी और शाम को दारू पार्टी जमकर चल रही हैं। हर कोई जीत के लिए उत्साहित है। घर परिवार चलाने के लिए गांव में रहने वाले बीस फीसदी लोग दूसरे जिले, दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, गुजरात आदि राज्यों में रहकर मजदूरी कर रहे हैं तो कोई आफिस वर्क में है। चुनाव आते ही प्रत्याशियों को उनकी याद सताने लगी है। प्रत्याशी अपने परिचित व रिश्तेदारों को फोन करके अप्रैल में होने वाले चुनाव में वोट डालने के लिए जरूर आने की बात करते देखे जा रहे हैं। चुनाव से पहले गांव में रह रहे ऐसे लोगों को कोई पूछने वाला नहीं था। वोट के लिए अब प्रत्याशी उनको फोन पर चुनाव से पहले वोट देने आने की बात कह रहे है। राजनीति के भी रंग अनेक होते हैं। कब और किस करवट पर बदल जाए, अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। कोरोना काल में जब दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर पैदल चलकर आ रहे थे, उस वक्त तो लोग दूर भागते नजर आ रहे थे। दोबारा रोजगार करने के लिए गए लोगों को वोट डालने केलिए पहले से ही बुलाया जाने लगा है। अप्रैल में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर बड़े बड़े नेता समर्थित प्रत्याशी को जिताने के लिए कयास लगा रहे हैं। वोटरों का समीकरण साधने केसाथ ही घर घर जाकर समर्थित प्रत्याशी को जिताने के लिए हर संभव कोशिश में लगे हुए है। वहीं सदस्य पद के लिए दावेदार स्थानीय नेताओं के साथ ही लखनऊ में बैठे प्रदेश हाईकमान से मुलाकात करने की जुगत बना रहे है।।

बरेली से कपिल यादव

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