बरेली। प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने नेकपुर चीनी मिल सहित प्रदेश में आठ चीनी मिलों को बन्द किया था। मिल बन्द होने के बाद उसकी जगह को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। मिल के अन्दर करोड़ों का लोहा कबाड़ को भी माफिया खुर्द बुर्द करने की कोशिश में लगे हुए है। अब मिल परिसर के अन्दर सीएल मौर्य नाम से ढाबा खोला गया है। ढाबे पर भले ही आने जाने वाले लोगों की नजर न हो लेकिन किस नीयत से खोला गया है इसकी हकीकत रहस्यमय है। नेकपुर चीनी मिल की बेशकीमती जमीन पर माफियाओं की नजर है। उसकी जगह को खुर्द बुर्द भी किया जा रहा है। बताया जाता है कि पहले सीएल ढाबा बदायूं रोड पर खोला गया था। जिस जमीन पर ढाबा खोला गया था। बाद मेंं वह जमीन बिक गई। अब चीनी मिल की जमीन कैंपस में पक्की टीन शेड डालकर लगभग 50 फुट से ज्यादा जगह पर कब्जा कर लिया गया है। बेशकीमती जगह को रहस्यमय रूप से खुर्द बुर्द किया गया है। बता दे कि चीनी मिल के अन्दर करोड़ों का लोहा कबाड़ आदि है। ढाबा पर आने जाने वाले किसी की नजर भी नहीं रहती है। ठीक वैसे ही जैसे रबर फैक्ट्री में से करोड़ों का लोहा अवैध रूप से निकाला जा चुका है। इस पर न तो अभी तक किसी प्रशासनिक अफसर की नजर पड़ी और न ही पुलिस हस्तक्षेप कर रही है। जिससे मिल की जगह को खुर्द बुर्द करने की बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। नेकपुर चीनी मिल की बेशकीमती जगह पर कब्जा करने के लिए दबंगों ने नजरें गढ़ा ली है। मिल का कुछ हिस्सा रहस्मय रूप से खुर्द-बुर्द भी किया जा चुका है। इसके बाद अब मिल के अन्दर ढाबा खोला जा चुका है। प्रशासनिक अफसरों की निष्क्रियता की वजह से दबंगों के हौसले बुलंद है जबकि योगी सरकार अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने वालों पर सख्ती से निपटने के लिए बात कर रही है। इसके बाद भी दबंग निरंतर जमीन पर कब्जा कर खुर्द बुर्द करने की फिराक में लगे हुए है। बिना रोक टोक के चीनी मिल की जमीन पर कब्जे करने का आलम यह है कि वहां भूसे की एक टाल के अलावा चाय की दुकान भी खोल दी गई है। वहां रोजाना खुलेआम ट्रैक्टर ट्रालियों का आना जाना लगा रहता है। जिससे अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस तरह से धीरे-धीरे इस चीनी मिल पर लोगों का कब्जा होना शुरू हो गया है।।
बरेली से कपिल यादव