गाजीपुर । उत्तर प्रदेश जल निगम समन्वय समिति द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया। उनकी मांग सप्तम वेतनमान को लागू करके उत्तर प्रदेश जल निगम में विश्वास का वातावरण श्रीजीत करना है । उत्तर प्रदेश जल निगम के गठन 1975 से पूर्व की भांति उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पी.एच.इ.डी का पुनर्गठन किया जाए और उत्तर प्रदेश जल निगम का प्रकाश की विभाग लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पी.एच.ई.डी उत्तर प्रदेश शासन सृजित कराएं । प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा जल निगम एक्ट के प्राविधानों के विरुद्ध 9 दिसंबर 17 को जल निगम द्वारा कराए जा रहे परंपरागत कार्य जैसे अमृत योजना आदि को अन्य संस्थाओं लेकर आने का काला आदेश समाप्त किया जाए। जल निगम एक्ट के अनुसार समस्त कार्यों को उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा ही संपादित कराया जाए । उत्तर प्रदेश में भी अन्य प्रदेशों एवं केंद्र की भर्ती नीति आयोग के सुझाव के अनुसार समान प्रकृति के कार्य हेतु पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग सेक्टर पुर्नगठित रिफॉर्म करके लाल फीताशाही समाप्त किया जाए । एक्ट के प्राविधानों के अनुरूप उत्तर प्रदेश जल निगम अपना बजट बनाए और बोर्ड से पारित करा कर प्रशासनिक विभाग के माध्यम से राज्य सरकार से स्वीकृत कराएं । उत्तर प्रदेश जल निगम में शासकीय विभागों नगर निगमों जल संस्थानों की बातें एक जनवरी 2016 से सप्तम वेतन लागू कराया जाए और उत्तर प्रदेश जल निगम कर्मियों के वेतन पेंशन को उत्तर प्रदेश शासन वाहन करें । राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेंटेंस की धनराशि राजस्व मद में जमा कराएं । उत्तर प्रदेश जल निगम के कर्मियों और पेंशनभोगियों के बकायों का भुगतान कराया जाए और 1 जनवरी 2006 से 11 मार्च 2010 तक का लंबित छठे वेतनमान के अवशेष वेतन का भुगतान किया जाए । उत्तर प्रदेश जल निगम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण एवं रखरखाव की विशेषज्ञ संस्था है ,एसटीपी का रखरखाव स्वच्छ भारत मिशन का महत्वपूर्ण कार्य है ।
– प्रदीप दुबे,गाजीपुर