* शक्ति का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है
रुड़की । आज नवरात्रि का सातवां दिन यानि महा सप्तमी है । नवरात्रि के सातवें दिन महा सप्तमी को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा का विधान है. शक्ति का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है। मान्यता है कि मां कालरात्रि ही वह देवी हैं जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था। कहते हैं कि महा सप्तमी के दिन पूरे विधि-विधान से कालरात्रि की पूजा करने पर मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों को किसी भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का भय नहीं सताता। इस बार महा सप्तमी 23 अक्टूबर को है। शास्त्रों के अनुसार देवी कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर है। देवी कालरात्रि का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों का नाश करने के लिए है। मां कालरात्रि अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली होती हैं। इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है। देवी कालरात्रि का रंग काजल के समान काले रंग का है जो अमावस की रात्रि से भी अधिक काला है। इनका वर्ण अंधकार की भांति कालिमा लिए हुए है। देवी कालरात्रि का रंग काला होने पर भी कांतिमय और अद्भुत दिखाई देता है।
– रूडकी से इरफान अहमद