बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बे में नगर पंचायत द्वारा लाख की लागत से बनाए गए सार्वजनिक शौचालय में नगर पंचायत का ताला लगा है। वहीं एक शौचालय के आगे पराग डेयरी की दुकान नगर पंचायत की मिलीभगत से खुली है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रशासन गांवों में बेशक हर घर में शौचालय निर्माण करवाने के लिए ऐडी-चोटी का जोर लगा रहा हो, लेकिन कस्वे में सार्वजनिक शौचालयों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर केवल शो पीस बन कर रह गए। शौचालय स्वच्छता अभियान की असफलता की बानगी पेश कर रहे हैं। कस्बे के मैंन रोड पर चार सार्वजनिक शौचालय बने है। जिसमे 3 सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लटका रहता है। कस्वे में मात्र एक ही सुलभ शौचालय खुला रहता है। लेकिन उस शौचालय के आगे नगर पंचायत मिली भगत से पराग डेयरी की दुकान खुलवा दी है। जहां पर गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू लेने वालों की भीड़ लगी रहती है। जिस कारण महिलाये शौचालय नहीं जा पाती है। एक तरफ नगर पंचायत नोटिस देकर अतिक्रमण हटवाती है। जहां पर सूरज ढलते ही जाम पर जाम छलकने लगते है। कस्वे के बंद पड़े शौचालय पर लोगों ने रहने का आवास बना लिया है। राहगीर खुले में शौच करने को मजबूर हो हैं। शौचालय एक-दो दिन से बंद नहीं बल्कि 6 महीने से बंद पड़े हैं। किसी कारण शौचालय बंद है तो उन शौचालय के बाहर नोटिस बोर्ड लगाना चाहिए। जिससे लोगों को बंद पड़े शौचालय जानकारी मिल सके। बंद पड़े शौचालयों की शिकायत नगर पंचायत कार्यालय में एक बार नहीं बल्कि कई बार हो चुकी है।।
बरेली से कपिल यादव