बरेली। रेल कर्मचारियों को बैठने के लिए बनवाए गए रेलवे मनोरंजन सदन अधिकारियों की लापरवाही के चलते जुए के अड्डे में तब्दील होता जा रहा है। इस बाबत आसपास के लोगों ने कई बार लिखित शिकायत की लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं किया गया। गौरतलब है कि रेल कर्मचारियों को खेलकूद की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे मनोरंजन सदन बनवाए गए है। मनोरंजन सदनों का इस्तेमाल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने में भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त रेल कर्मियों के बेटे बेटियों की शादी के लिए भी मनोरंजन सदन अलॉट कर दिए जाते है। इसके लिए संबंधित रेलकर्मी से शुल्क भी लिया जाता है। इसके बावजूद इन मनोरंजन सदन की देखभाल पर उचित ध्यान नहीं दिया जाता। कभी किसी अधिकारी की मनोरंजन सदन की आवश्यकता किसी पारिवारिक समारोह के लिए होती है तो रंगाई पुताई की औपचारिकता निभा दी जाती है। इन दिनों उत्तर रेलवे के मनोरंजन सदन की रंगाई पुताई का काम चल रहा है। इस कारण द्वार पर ताला नहीं लगाया जाता। इसका लाभ उठाकर कुछ असामाजिक लोग प्रतिदिन शाम ढलते ही मनोरंजन सदन में घुस जाते हैं और मोमबत्ती की रोशनी में जुए की फड़ लगा लेते है। आसपास के लोगों की माने तो मनोरंजन सदन इन दिनों शाम ढलते ही जुए का अड्डा बन कर रह गया है। कॉलोनी वासियों द्वारा जीआरपी व रेलवे के अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जंक्शन के पास बने कैंट रोड पर उत्तर रेलवे मनोरंजन सदन है। जिसमें रेलवे संगठनों के कई कार्यालय भी बने हुए हैं।मनोरंजन सदन की रंगाई पुताई के लिए सभी कमरे खुले पड़े है। इन कमरों में दिन से ही जुआ खेलने वाले अपने दल बल के साथ पहुंच जाते हैं। कॉलोनी वासियों का कहना है कि आधी रात को यहां जुआरियों की धमाचौकड़ी मची रहती है। रेलवे कॉलोनी वासियों ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कई बार तो जुआरी आपस में झगड़ते हैं। इसके साथ ही गाली गलौज मारपीट भी होने लगती है। कुछ लोग तो यहां बैठ कर शराब के जाम भी टकराने लगते है। इससे आसपास लोगों में भय व्याप्त है। रेलवे के अधिकारियों व जीआरपी में शिकायत दर्ज करने के बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। रेलवे के स्टेशन अधीक्षक व जीआरपी इंस्पेक्टर ने बताया कि मनोरंजन सदन में कोई असामाजिक तत्व पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव