झाँसी। मऊरानीपुर पुलिस व पूर्व ब्लॉक प्रमुख लेखराज सिंह यादव की मुठभेड़ का सच सामने आ गया है। मुठभेड़ के 12 घण्टे बाद ही एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें मऊरानीपुर कोतवाल हिस्ट्रीशीटर लेखराज से मोबाइल पर बात करते हुए मुठभेड़ से बचने के लिए सिस्टम (रिश्वत) की बात कर रहा है। इस ऑडियो के वायरल होने से मुठभेड़ का सच सामने आ गया है। बहरहाल ऑडियो वायरल होने के बाद एसएसपी ने कोतवाल की निलम्बित कर दिया है।
मऊरानीपुर का हिस्ट्रीशीटर लेखराज सिंह यादव पर हत्या, लूट, डकैती समेत करीब 60 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। एक मामले में उसे सजा भी हो गयी, जिसमें वह हाई कोर्ट से अपील पर रिहा हो गया था। पिछले दिनों रानीपुर के भाजपा पार्षद प्रदीप गुप्ता ने लेखराज आदि के खिलाफ दो केस दर्ज कराये थे, तभी से पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। मऊरानीपुर पुलिस के अनुसार बीते रोज हरकनपुरा के पास मऊरानीपुर पुलिस व पूर्व ब्लॉक प्रमुख लेखराज सिंह के बीच जमकर गोलियाँ चलीं थीं। पुलिस के अनुसार दोनों ओर से करीब 46 मिनट 56 राउण्ड गोलियाँ चलीं थीं। इसमें कोतवाली प्रभारी निरीक्षक व एक सिपाही गोली लगने से घायल हो गये थे। साथ ही एक बदमाश के घायल होने की भी सूचना है।
इस घटना के 12 घण्टे के बाद एक ऑडियो वायरल हुआ। ऑडियो से हड़कम्प मच गया है। ऑडियो कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुनीत कुमार व हिस्ट्रीशीटर पूर्व ब्लॉक प्रमुख के मध्य 11.38 मिनट बात हुई। इसमें लेखराज सिंह यादव लगातार सुनीत कुमार को प्रेरित कर रहे हैं। सुनीत कुमार लेखराज सिंह यादव को मुठभेड़ में मरने से बचने के लिए सिस्टम (रिश्वत) की बार-बार बात कर रहे हैं। मुठभेड़ से बचने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष व विधायक से भी बात करने के लिए कहा गया।
मामले की होगी जाँच
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि ऑडियो उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने ऑडियो को पूरा सुना है। उसमें मऊरानीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुनीत कुमार व हिस्ट्रीशीटर लेखराज सिंह यादव के मध्य बातचीत हो रही है। इसमें मुठभेड़ के सम्बन्ध में बात हो रही है। इस मामले में प्रथम दृष्टया मऊरानीपुर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुनीत कुमार दोषी प्रतीत होते हैं। उन्होंने निलम्बित कर दिया गया है।
सुनीत कुमार व लेखराज सिंह यादव की बातचीत के अंश
लेखराज- बताओ का है, मदद करो यार
सुनीत कुमार- मेरी मजबूरी समझो जिलाध्यक्ष संजय दुबे व विधायक राजीव सिंह पारीछा दोनों को मैनेज करो।
लेखराज- सुनीत सिंह किसी से कम नहीं है।
सुनीत- हमारी बात समझने की कोशिश करो, प्लीज।
लेखराज- तुम्हें डाकखाना भेज दें का।
सुनीत- गाली बकते हुए किसी की इतनी हिम्मत नहीं, नौकरी… पर मारता हूँ।
लेखराज- इतने बड़े इंस्पेक्टर को डाकखाना भेज दें का।
सुनीत- हम शुरू से बड़े अपराधी रहे। अपराध किये, पता नहीं कितनी हत्यायें की, कितनी बार जेल गये, सब सिस्टम है निपट गया। माँ की कृपा से। हमारा इतिहास बहुत खराब है लेकिन भविष्य अच्छा है।
लेखराज- हमारी मदद करो, मैं आपकी मदद कर सकूं न।
सुनीत- आप बढ़िया आदमी हैं। सिस्टम वाले आदमी हैं। पहले भाजपा सरकार में कितने एनकाउण्टर हुए। यह दौर है। आपके लोकेशन ट्रेस की जा रही है। आपके मोबाइल नम्बर सर्वेलान्स पर लगे हुए हैं।
लेखराज- सब मार दिये जाएंगे क्या ?
सुनीत- अच्छे आदमी हैं आप।
लेखराज- कोई अधिकारी कह रहा क्या ?
सुनीत- फोन पर नहीं बता सकते। भगवान न करे ऐसा कुछ हो जाए बच्चे नाश हो जाएं।
लेखराज- हमारी मदद करो, हम तुम्हारी मदद न पाएं, तुम तो मदद करो, नाती नतरा हैं हमाए।
सुनीत- यह समय है अच्छा-बुरा आता-जाता रहता है।
लेखराज- संजय दुबे लगे का।
सुनीत- गाली बकते हुए चाँटें…., हमने चन्द्रपाल यादव से भी कहा था, वो कह रहे थे लेखराज की कुछ मदद करो। हमने उनसे कहा नौकरी नहीं करें क्या घर बैठ जाएं।
लेखराज- इतना बड़ा इंस्पेक्टर।
सुनीत- आप सपा सरकार में भी जेल गये।
लेखराज- तुम्हें डाकखाना भेज दें का।
सुनीत- पप्पू सेठ के रहते तुम जेल गये।
लेखराज- नौकरी बचा रहे का।
सुनीत- आप साठ मुकदमे हैं। आप एनकाउण्टर के लिए बिल्कुचृल फिट हैं। यूपी में भाजपा सरकार है। आपकी मदद कौन करेगा। आप जानो, आपके चार लड़के, गुर्गे हैं। सिस्टम है सब मारे जाएंगे। आपने स्वीकार किया पार्षद से बात करने की।
लेखराज- 100 प्रतिशत मामला झूठा है। आपने कहा था।
सुनीत- पार्षद ने कहा कि वह हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक रिट दायर करेगा।
लेखराज- मामला झूठा है।
ऑडियो में बातचीत के दौरान बीच में स्पष्ट आवाज समझ में नहीं आयी की क्या बात हुई।
-उदय नारायण, झांसी