बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कोरोना काल मे स्वास्थ्य विभाग में अहम भूमिका न्यू हो रही आशा वर्कर से उनके ही विवाह के लोग उनका कमीशन जारी करने के एवज में धन की उगाही कर रहा है। सीएचसी में आशा वर्कर से रुपए लेते हुए संगिनी का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसके साथ ही ऑडियो भी वायरल हुई है। आशा वर्कर ने मामले की शिकायत सीएम पोर्टल और डीएम से की है आशा वर्कर का आरोप है कि उसने रुपए देने का विरोध किया तो उसका कमीशन रोक दिया गया। इस मामले में कई ऑडियो वायरल हुए हैं। जिसमें आशा वर्कर आपस में फिर का सीएचसी पर फैले भ्रष्टाचार की चर्चा कर रही है। जिस तरह रिश्वत के लिए उन्हें परेशान किया जाता है। ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद मामले में सीएचसी प्रभारी ने जांच शुरू करा दी है। थाना क्षेत्र के गांव दौली जवाहरलाल निवासी गीता देवी गांव में ही आशा वर्कर के रूप में तैनात हैं। उनके मुताबिक 30 आशाओं पर एक संगिनी में तैनात होती है जो क्षेत्र में प्रतिदिन एक आशा वर्कर के साथ उसके क्षेत्र में भ्रमण करके आशाओं को आने वाली परेशानियों में सहयोग करती है। उसके क्षेत्र में आशा संगिनी लज्जावती तैनात हैं जो पिछले एक वर्ष से उनके क्षेत्र में भ्रमण करने नहीं गए। उनका आरोप है कि लज्जावती आशाओं के ग्रह भ्रमण करने पर मिलने वाली धनराशि 250 रुपए में से सौ रुपये व राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति धनराशि 400 में से हर माह डेढ़ सौ रुपए और हर माह की कार्य रिपोर्ट बनाने के बदले मिलने वाली धनराशि 2200 में से छह सौ रुपए रिश्वत के रूप में वसूली जाती है। नहीं देने पर अपने अधिकारी बीसीपीएम से कार्रवाई कराकर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। नौकरी बचाने के लिए आसाम को रिश्वत देनी पड़ती है। पिछले पांच माह से कोरोना महामारी के चलते जब परिवार को संकट झेलना पड़ा तो उनका धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने सीएचसी प्रभारी पर भी समझौता कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनको फील्ड में कार्य करने के लिए ग्लब्स नहीं दिए जाते थे। सैनिटाइजर के नाम पर एक छोटी बोतल दे दी जाती थी। कोरोना से बचने के लिए आशाओं को बड़ी चुनौती है। आशा गीता देवी ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल व डीएम से की है।
शिकायतकर्ता आशा वर्कर ने रिश्वत लेते हुए कुछ वीडियो और ऑडियो दिए हैं। उनके आधार पर जांच की जा रही है। आरोप गंभीर हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्यवाही के लिए अधिकारियों को लिखा जाएगा। हालांकि आशा वर्कर जांच में सहयोग नहीं कर रही है। समझौता कराने का दबाव बनाने का आरोप बेबुनियाद है।
– डॉ संचित शर्मा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी खिरका सीएचसी
बरेली से कपिल यादव