बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बे के प्राइवेट स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन की मासिक बैठक प्रीटी पेटल्स किड्स जोन में संपन्न हुई। बैठक में लॉकडाउन के बाद खराब हुई स्कूलों की आर्थिक स्थिति पर विचार किया गया। इस दौरान स्कूल संचालकों ने कहा कि देहात क्षेत्र के निजी स्कूल पहले ही बहुत कम फीस में बड़ी मुश्किल से बच्चों को शिक्षा दे रहे थे। लॉकडाउन के बाद से अभी तक स्कूल बंद हैं। ऑनलाइन शिक्षण का सरकारी आदेश से भी देहात के गरीब परिवार के बच्चों को राहत नहीं मिल पाई है। निजी स्कूलों के संचालक बेरोजगार हो चुके हैं। उनके सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। सरकार को उनकी मदद करते हुए आर्थिक सहायता देनी चाहिए। कई संचालकों की आजीविका निजी स्कूल पर निर्भर है। जिससे वह घर परिवार का पालन पोषण करते हैं। संचालकों ने कहा की स्कूल में कार्य करने वाले चतुर्थ श्रेणी से लेकर शिक्षक सहित बिजली बिल व भवन के रखरखाव पर लगातार खर्च हो रहे हैं लेकिन 5 महीने से स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अभी तक कोई फीस जमा नहीं की है। जिससे स्कूल पर होने वाले खर्च को संचालक अब भरने की स्थिति में नहीं है। सरकार ने सभी को कुछ न कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की है। इसलिए निजी स्कूलों के संचालकों को भी आर्थिक सहायता दी जाए। संगठन के अध्यक्ष अजय सक्सेना ने कहा की सरकार को स्कूल संचालकों को कुछ न कुछ आंशिक मदद अवश्य करनी चाहिए। जिससे उनकी रोजी रोटी का इंतजाम कर सकें। कम से कम पांच महीने का बिजली का बिल माफ कर देना चाहिए जो बसें किस्तों पर ले रखी है। उनकी स्टाल मेन्ट का समय आगे बढ़ा देना चाहिए। इस अवसर पर संगठन के संरक्षक दिनेश पांडे, सचिव केसी शर्मा, राजेश सक्सेना, राघवेंद्र सिंह, ओमकार यदुवंशी, विनोद कुमार राणा, तुष्येन्द्र यदुवंशी, धर्मवीर, डाक्टर अनूप दिवाकर, मुनीश, जितेन्द्र सिंह, मुनीश राठौर, ओमेन्द्र सिंह, सुभाष सक्सेना, कुलदीप गंगवार, सुधीर शर्मा, आविद हसन, राजीव मिश्रा, मोहम्मद जाकिर, हरिराम, चंद्रा, शांति पाल आदि गणमान्य पदाधिकारी सदस्य मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव