बरेली – मानव सेवा क्लब ने पिछले वर्ष से ही अपने एजेंडे में जनसंख्या नियंत्रण को रखते हुए कई विद्यालयों में गोष्ठियां करायीं। कई रैलियों के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण का बिल लाने की मांग रखी। आज मानव सेवा क्लब ने आपदाकाल के कारण जनसंख्या नियंत्रण पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें शहर के जाने-माने शिक्षाविद बरेली कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो.एन. एल.शर्मा, साहित्य भूषण एवं राजकीय कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा तथा शहर के प्रमुख चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेन विद्यार्थी ने अपने-अपने नज़रिए से जनसंख्या पर नियंत्रण रखने की बात रखी। आइए जानते हैं कि विद्वानों ने क्या कहा। प्रो.एन.एल.शर्मा ने कहा कि जनसंख्या समस्या को अन्य अनेक समस्याओं की जननी कहा जाता है क्योंकि गरीबी बेरोजगारी अशिक्षा अज्ञान अर्थ सामाजिक पिछड़ापन अंधविश्वास बढ़ते हुए अपराधों के मूल में बढ़ती हुई जनसंख्या ही नजर आती है। अतः आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जाए। भारत जनसंख्या विस्फोट से पीड़ित है, जनसंख्या के अतिभार से ग्रस्त है।हम जानते हैं कि संसाधन अंकगणित की रफ्तार अर्थात 1,2,3,4और जनसंख्या ज्यामितीय रफ्तार अर्थात 1,2,4,8,16 की गति से बढ़ती है और लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती। अर्थशास्त्री माल्थस ने कहा था यदि लोग स्वयं जनसंख्या नियंत्रण नहीं करेंगे तो प्रकृति प्राकृतिक प्रकोपों से जनसंख्या का सफाया करती है।यदि लोग स्वयं जागरूक हो कर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित नहीं करते तो सरकार को कानून बना कर ऐसा। करना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण की बाध्यता को न मानने वाले लोगों को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए।वहीं साहित्य भूषण और शिक्षाविद डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा ने इसे अपने चश्मे से देखते हुए कहा कि बढ़ती आबादी को विकास का आधार बनाएं।किसी भी देश के विकास में अन्य संसाधनों के साथ-साथ मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्तमान समय में भारत एक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाला देश है। वह विश्व की एक महाशक्ति बनने की तैयारी में है मौजूदा समय में हमारे देश की अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यदि हमारे देश की इतनी बड़ी आबादी का सही प्रबंधन कर उसको आत्मनिर्भर बना दिया जाये तो हमारा देश प्रगति का एक नया आयाम गढ़ सकता है।हमारे देश की आबादी मौजूदा समय में एक अरब तेंतीस करोड़ के आसपास है। इस आबादी का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि देश की 60 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। भारत विश्व का सबसे अधिक युवाओं वाला देश है। मौजूदा समय में देश में युवाओं की कुल आबादी लगभग 65 करोड़ है जो आस्टेलिया महाद्वीप की कुल आबादी से दोगुना है।
युवाओं की इतनी बड़ी संख्या को यदि तकनीकी ज्ञान और व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ दिया जाए तो यह युवा अपने जोश और मेहनत से देश की तस्वीर बदल सकते हैं। फिर भारत को विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का मन्त्र दिया है, आवश्यकता है इसे धरातल पर उतारने की।चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेन विद्यार्थी ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या से जहां देश की सारी समस्याओं में वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी तरफ़ जनसांख्यिकी लाभांश भी है क्योंकि हमारा देश ही विश्व में ऐसा देश है जहां युवा आबादी सबसे ज़्यादा है ।जहां एक तरफ़ देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए क़ानून बनाने की आवश्यकता है वहीं दूसरी तरफ़ यदि हम श्रम कुशलता पर काम कर सकें तो यह बड़ी आबादी ही हमारे लिए वरदान बन सकती है। आज आवश्यकता इस समस्या को अवसर में बदलने की है।गोष्ठी का सफल संचालन करते हुए कहा कि आज बहुत आवश्यकता है देश की तीव्र गति से बढ़ती हुई आबादी पर अंकुश लगाने के कड़ा कानून जल्दी बनाया जाये।
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण कानून लाना जरूरी
